कमर की मोच क्या है इसके लक्षण और इसका इलाज़
जयपुर । हमारा शरीर बहुत ही कीमती है इसमे जरा सी भी कोई खराबी आ जाए तो वह खराबी हमको न जीने देती है न मरने देती है ना ही कोई कम करने देती है हमारे सारे शरीर में एक ईसा अंग होता है जहां यदि हल्का सा भी कुछ हो जाए तो वह हमारे लिए सारे जीवन की मुसीबत बनते देर नही लगता है ।
कमर के बारे में हम सभी जानते हैं की यह वह हिस्सा होता है जिसमे यदि कोई परेशानी आ जाए तो सारे जीवन की परेशानी खड़ी हो जाती है कारण है न हम उठ पाते हैं ना बैठ पाते हैं ना ही झुक पाते हैं न ही कुछ और काम आसानी से कर पाते हैं । कई बार यह कारण होता है हमारे कमर में मोच आ जाने का ।
ऐसा नही है की कमर में मोच सिर्फ गिरने के कारण ही आती है यह कई बार गलत तरह से बैठने के कारण , गलत तरह से सामान उठा लेने के कारण कई बार हमारी कमर में ज़ोर आजाता है । इतना ही नही कई बार हमारी मसल्स में बहुत खिंचाव अ जाता है या फिर वह काम करना बंद कर देती है जिसके कारण कमर में दर्द की परेशानी बढ़ जाती है । इतना ही नही इसके कारण सारे जीवन आप कोई भी काम करने में असमर्थ हो जाते हैं । आइए जानते हैं क्या होते हैं इसके लक्षण ?
मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के दर्द के केवल दो से तीन प्रतिशत मामलों में सर्जरी की जरूरत होती है। लगभग 75 प्रतिशत दर्द को तीन से चार महीने में ठीक किया जा सकता है और 15 प्रतिशत मामलों में बिना दवा के केवल व्यायाम से पीड़ित व्यक्ति को राहत मिल सकती है, लेकिन इसके लिए सबसे अधिक जरूरी है कि दर्द पर ध्यान दिया जाए।
लक्षण ?
कुछ भी हल्का वजन उठाने में कमर के एक हिस्से में दर्द का अनुभव होना , ज्यादा देर बैठे रहने में परेशानी का अनुभव होना झुकने में दर्द का अनुभव होना , लेटते समय दर्द का अनुभव होना काम ना कर पाना ऐसी कई परेशानियाँ होने लगती है ।
जब भी इस तरह की कोई परेशानी हो तो सबसे पहला उपाय आइसिंग करना है यानि की बर्फ की सिकाई । जब भी आपको दर्द महसूस होना शुरू होने लगता है तब बर्फ की सिकाई सबसे पहला ऑप्शन है । कम से कम2-3 दिन दिन तक 1 -1 घंटे बर्फ की सिकाइं करेन ।
उसके बाद हीट यानि की गर्म की सिकाई करनी है यह आपको 2-3 दिन बर्फ की सिकाई करने के बाद ही करना है । इसके बाद आप फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लें जब तक दर्द बना रहता है वह भी आपकी मदद नहीं कर सकते हैं और इस परेशानी का पूरा ट्रीटमेंट लेना बहुत ही जरूरी है ।
जो भी लोग खेल क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनको हमेशा अपने हर सेक्शन के बाद आइस बाथ भी लेनी चाहिए ।