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जानिए क्या है दूसरी दुनिया का सच

क्या कोई दूसरा लोक हैं क्या दूसरे लोक में भी लोग रहते हैं व्यक्ति जिस संसार में रहता हैं उसे भौतिक जगत माना जाता हैं मगर यह वास्तविक नहीं हैं यह ईश्वन की कल्पना हैं वही इसी तरह से ईश्वर की कल्पना के कई जगत हैं और ये तमाम लोक व्यक्ति के मन और आत्मा के साथ जुड़े हुए होते हैं वही भौतिक जगत के साथ ही एक सूक्ष्म जगत भी होता हैं।
जानिए क्या है दूसरी दुनिया का सच

हर कोई यह जानना चाहता हैं कि मौत के बाद उसकी आत्मा का क्या होता हैं, और क्या हैं दूसरी दुनिया का सच, हर कोई इस बारे में जानने की कोशिश करता हैं वही क्या कोई दूसरा लोक हैं क्या दूसरे लोक में भी लोग रहते हैं व्यक्ति जिस संसार में रहता हैं उसे भौतिक जगत माना जाता हैं मगर यह वास्तविक नहीं हैं यह ईश्वन की कल्पना हैं वही इसी तरह से ईश्वर की कल्पना के कई जगत हैं और ये तमाम लोक व्यक्ति के मन और आत्मा के साथ जुड़े हुए होते हैं वही भौतिक जगत के साथ ही एक सूक्ष्म जगत भी होता हैं।जानिए क्या है दूसरी दुनिया का सच

वही ये हमें सामान्य आंखों से नहीं दिखता हैं, ये या तो हमें ध्यान के माध्यम से दिखता हैं या कभी कभी किसी आवेग में दिख जाता हैं इस सूक्ष्म जगत में भी तमाम लोग रहते हैं मगर उनके पास पृथ्वी तत्व नहीं होता। इसलिए उन्हें भी देख पाना आसान नहीं होता हैं। जानिए दूसरे लोक में व्यक्ति क्यों जाता हैं वहां पर किस तरीके से रहता हैं, तो आइए जानते हैं।जानिए क्या है दूसरी दुनिया का सच

सूक्ष्म जगत में आमतौर पर उन्नत आत्माएं ही जाती हैं वहां पर अपने संस्कार भोगकर मुक्त हो जाती हैं वही अगर उनके कर्म अच्छे हुए तो वे आगे जाती हैं। नहीं तो फिर कुछ समय बाद उन्हें भौतिक जगत में वापस लौटना पड़ता हैं।जानिए क्या है दूसरी दुनिया का सच

जानिए मृत्यु के बाद क्या होता हैं—
मनुष्य के कर्म फल भोगने के लिए नए शरीर का इतंजार किया जाता हैं वही तब तक आत्मा को निष्क्रिय अवस्था में रखा जाता हैं, जैसे ही मनुष्य के कर्म और संस्कारों के अनुरूप गर्भ तैयार होता हैं व्यक्ति की आत्मा वहां प्रवेश करके नए शरीर का निर्माण करती हैं। कभी कभी मृत्यु के बाद दोबारा जन्म लेने में काफी वर्ष लग जाते हैं और कभी कभी तत्काल जन्म हो जाता हैं।

क्या कोई दूसरा लोक हैं क्या दूसरे लोक में भी लोग रहते हैं व्यक्ति जिस संसार में रहता हैं उसे भौतिक जगत माना जाता हैं मगर यह वास्तविक नहीं हैं यह ईश्वन की कल्पना हैं वही इसी तरह से ईश्वर की कल्पना के कई जगत हैं और ये तमाम लोक व्यक्ति के मन और आत्मा के साथ जुड़े हुए होते हैं वही भौतिक जगत के साथ ही एक सूक्ष्म जगत भी होता हैं। जानिए क्या है दूसरी दुनिया का सच

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