क्या होते हैं निफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण और लक्षण
जयपुर । निफ्रोटिक सिंड्रोम किडनी से जुड़ी परेशानी का नाम है । यह बहुत ही घातक बीमारी है , इसमें यूरिन और प्रोटीन एक साथ मिक्स हो जाता है जिससे की गुर्दे की झिल्ली खराब हो जाती है । मेरुली झिल्ली एक ऐसी छोटी वाहिकाएं हैं, जो खून को फिल्टर करके यूरिन के रास्ते बाहर निकालती है। किडनी को हानी पहुंचाने के साथ साथ यह और भी कई सारी बीमारियों का कारण बनता है ।
जब भी किडनी से जुड़ी कोई बीमारी होती है तो यह हमारे लिए बहुत ही गंभीर विषय है , खान पान में बरती गई या जीवन शेली में बरती गई लापरवाही के कारण अक्सर इस तरह की परेशानी होने की संभावना होती है जो की हमारे किडनी फैलियर का कारण भी बन जाती है । किडनी हमारे शरीर का सबसे जरूरी हिस्सा है । इसके खराब हो जाने से हमारा जीवन खतरे में आ सकता है ।
क्या हो सकते हैं निफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण ?
यह बीमारी इंफैक्शन, नशीली दवाओं के संपर्क, वंशानुगत विकार (Hereditary Disorder) या मधुमेह जैसी अन्य किसी बीमारी के कारण यह सिंड्रोम हो सकता है। इसके अलावा यह बीमारी डायबिटीज, एस.एल. ई. और एमाइलॉयडोसिस आदि के कारण हो सकती है।
निफ्रोटिक सिंड्रोम के प्रमुख लक्षण क्या होते हैं ?
- सामान्य सूजन
- आंखों के नीचे सूजन
- कमर, पैर और टखने में सूजन
- चेहरे की सूजन
- फ्लड रिटेशन की वजह से वजन बढ़ना
- भूख की कमी और उच्च रक्त चाप
- कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ना
कभी कभी पेट में भारीपन सा लगना और यूरिन संबंधी दिक्कत का होना भी कई बार हो जाता है यह सभी लक्षण हमको इस बीमारी के होने का संकेत देता है ।