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यह कंपनी बना रही है स्वचालित कृत्रिम मधुमक्खियां, करवाया अपनी तकनीक का पेटेंट

जयपुर। विज्ञान ने जितनी तरक्की की है वह कुदरत के नियमों की साफ धज्जियां उड़ा रही है। तभी तो बढ़ते हुए मोबाइल सिग्नल्स की वजह से मधुमक्खियों की जनसंख्या बड़ी तेजी से खत्म हो रही है। हाल ही में वालमार्ट ने रोबोटित बीज यानी कृत्रिम मधुमक्खियां बनाने की तकनीक का पेटेंट करने के लिए आवेदन
यह कंपनी बना रही है स्वचालित कृत्रिम मधुमक्खियां, करवाया अपनी तकनीक का पेटेंट

जयपुर। विज्ञान ने जितनी तरक्की की है वह कुदरत के नियमों की साफ धज्जियां उड़ा रही है। तभी तो बढ़ते हुए मोबाइल सिग्नल्स की वजह से मधुमक्खियों की जनसंख्‍या बड़ी तेजी से खत्म हो रही है। हाल ही में वालमार्ट ने रोबोटित बीज यानी कृत्रिम मधुमक्खियां बनाने की तकनीक का पेटेंट करने के लिए आवेदन किया है। वालमार्ट का मकसद है कि वह इन स्वचालित मधु‍मक्खियों की मदद से कृषि में परागण की समस्या को दूर कर पाएगी।

यह कंपनी बना रही है स्वचालित कृत्रिम मधुमक्खियां, करवाया अपनी तकनीक का पेटेंट

गौरतलब है कि हाल ही में वालमार्ट ने अपनी इस तकनीक का पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है। यह तकनीक खास तौर पर पौधों और फसलों में पराग कणों को फैलाने के लिए ड्रोन की तरह काम आएगी। ये रोबो मधुमक्खियों आम मधुमक्खियों की तरह ही काम करेंगी। यह फसलों के परागण को स्वचालित तरीके से एक जगह से दूसरी जगह लाने ले जाने का काम करेगी।

यह कंपनी बना रही है स्वचालित कृत्रिम मधुमक्खियां, करवाया अपनी तकनीक का पेटेंट

आपको बता दे कि इन रोबो मधुमक्खियां में कई तरह के सेंसर्स और कैमरें लगे होंगे जिनकी मदद से ये फसलों की देखरेख भी कर पाएंगी। हालांकि कृषि क्षेत्र में होने वाला यह पहला पेटेंट नहीं है। इससे पहले भी वालमार्ट ने पांच और पेटेंट करवा रखे हैं। इतना ही नही ये रोबोटिक मधुमक्खियां फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव का काम भी करेंगी। खेती में इस तरह के नवाचार से लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि होगी।यह कंपनी बना रही है स्वचालित कृत्रिम मधुमक्खियां, करवाया अपनी तकनीक का पेटेंट

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