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जानिए विश्वकर्मा पूजा का ​महत्व, पूजन विधि

विश्वकर्मा पूजा बहुत ही खास पूजा मानी जाती हैं वही संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा पूजा की जाती हैं वही धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाने की प्रथा चली आ रही हैं वही विश्वकर्मा पूजा कारोबारियों और व्यपारियों के लिए बहुत ही विशेष पूजा मानी जाती हैं।
जानिए विश्वकर्मा पूजा का ​महत्व, पूजन विधि

 

आपको बता दें, कि विश्वकर्मा पूजा ​बहुत ही खास पूजा मानी जाती हैं वही संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा पूजा की जाती हैं वही धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाने की प्रथा चली आ रही हैं वही विश्वकर्मा पूजा कारोबारियों और ​व्यपारियों के लिए बहुत ही विशेष पूजा मानी जाती हैं।जानिए विश्वकर्मा पूजा का ​महत्व, पूजन विधि

जानिए क्यों मनाते हैं विश्वकर्मा पूजा—
अश्विन महीने की कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती हैं वही इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था ऐसा माना जाता हैं वही हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसी मान्यता हैं कि विश्वकर्मा जयंती पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार और कारोबार में वृद्धि होती हैं। वही धन धान्य और सुख समृद्धि के लिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना बहुत ही आवश्यक और मंगलदायी हैं इस दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और मशीनों की पूजा की जाती हैं वही मान्यता यह भी हैं कि इस दिन विश्वकर्मा पूजा करने से मनुष्य को तरक्की प्राप्त होती हैं और कारोबार में मुनाफा भी मिलता हैं यह पूजा विशेष रूप से कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोगो द्वारा की जाती हैं।जानिए विश्वकर्मा पूजा का ​महत्व, पूजन विधि

जानिए ​पूजन विधि—
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कहा जाता हैं कि प्राचीन काल की सभी राजधानियों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था। स्वर्ग लोक, सोने की लंका, द्वारिका और हस्तिनापुर भी विश्वकर्मा द्वारा ही रचित हैं।जानिए विश्वकर्मा पूजा का ​महत्व, पूजन विधि

जानिए पूजन विधि और साम्रगी—
यह विश्वकर्मा पूजा सभी के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं वही भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे अक्षत, पुष्प, चंदन, धूप अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, मिठाई, फल आदि की व्यवस्था कर लें। वही इसके बाद अपनी दुकान आदि के स्वामी को स्नान करके सपत्नीक पूजा के आसन पर बैठ जाएं। कलश को अष्टदल की बनी रंगोली पर रखें। ​विधि विधान के क्रमानुसार स्वयं या फिर अपने पंडितजी के माध्यम से पूजा करें। जानिए विश्वकर्मा पूजा का ​महत्व, पूजन विधि

विश्वकर्मा पूजा ​बहुत ही खास पूजा मानी जाती हैं वही संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा पूजा की जाती हैं वही धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाने की प्रथा चली आ रही हैं वही विश्वकर्मा पूजा कारोबारियों और ​व्यपारियों के लिए बहुत ही विशेष पूजा मानी जाती हैं। जानिए विश्वकर्मा पूजा का ​महत्व, पूजन विधि

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