Vishwakarma Puja 2020: जानिए विश्वकर्मा पूजा का धार्मिक महत्व
आज यानी 16 सितंबर दिन बुधवार को विश्वकर्मा पूजा है, पंचांग के मुताबिक हर वर्ष विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति के दिन पड़ती हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। विश्वकर्मा देव को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर माना गया हैं ऐसा कहा जाता हैं कि प्राचीन काल की सभी राजधानियों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था। इस लिए विश्वकर्मा पूजा के दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और मशीनों की विशेष पूजा होती हैं। तो आज हम आपको विश्वकर्मा पूजा के धार्मिक महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आपको बता दें कि विश्वकर्मा पूजा उन लोगों के लिए खास होती हैं जो कलाकार, शिल्पकार और कारोबारी हैं ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में वृद्धि होती हैं धन धान्य और सुख समृद्धि की अभिलाषा रखने वालों के लिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना जरूरी और मंगलदायी माना जाता हैं। वही श्री विश्वकर्मा जी की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे अक्षत, पुष्प, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, मिठाई, फल आदि की रख लें। वही इसके बाद फैक्ट्री, कारखाने, दुकान के स्वामी को इस दिन अपनी पत्नी के साथ पूजा पर बैठना चाहिए। कलश को अष्टदल की बन रंगोली पर सतनजा रखें। फिर विधि विधान से क्रमानुसार स्वयं और फिर अपने पंडितजी के माध्यम से पूजा करें ध्यान रखें कि पूजा में किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें।
यहां पढ़ें भगवान विश्वकर्मा पूजा मंत्र—
भगवान विश्वकर्मा की पूजा में ‘ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:’, ‘ॐ अनन्तम नम:’, ‘पृथिव्यै नम:’।