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Vinayak chaturthi vrat katha: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा लाभ

हिंदू धर्म में पूजा पाठ और व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आज यानी 16 जनवरी दिन शनिवार को विनायक चतुर्थी का व्रत किया जा रहा हैं यह व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित होता हैं, भक्त इस दिन श्री गणेश जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और व्रत
Vinayak chaturthi vrat katha: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा लाभ

हिंदू धर्म में पूजा पाठ और व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आज यानी 16 जनवरी दिन शनिवार को विनायक चतुर्थी का व्रत किया जा रहा हैं यह व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित होता हैं, भक्त इस दिन श्री गणेश जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और व्रत भी रखते हैं ऐसा कहा जाता हैं कि जो भक्त आज सम्पूर्ण विधि से श्री गणेश की पूजा करता हैंVinayak chaturthi vrat katha: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा लाभ व्रत के समय इनकी कथा का पाठ करता हैं उसकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन में आ रहे कष्टों व परेशानियों का भी अंत हो जाता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान श्री गणेश से जुड़ी विनायक चतुर्थी की व्रत कथा, तो आइए जानते हैं।Vinayak chaturthi vrat katha: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा लाभ

जानिए ​विनायक चतुर्थी व्रत कथा—
एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव के साथ चौपड़ खेलने की इच्छा जताई। शिव जी ने चौपड़ खेलना शुरू किया मगर इस खेल में मुश्किल थी कि हार जीत का फैसला कौन करेगा।Vinayak chaturthi vrat katha: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा लाभ इसके लिए घास फूस से एक बालक बना कर उसमें प्राण प्रतिष्ठा कर दी और कहा कि तुम हार जीत का फैसला करना। इसके बाद तीन बार माता पार्वती जीतीं। लेकिन उस बालक ने कहा कि महादेव जीते हैंVinayak chaturthi vrat katha: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा लाभ इस पर माता पार्वती को बहुत गुस्सा आ गया और उस बालक को कीचड़ में रहने का श्राप दिया। बालक के क्षमा मांगने पर माता पार्वती ने कहा कि एक साल बाद नागकन्याएं यहां आएगी। उनके कहे अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत करने से तुम्हारे कष्ट दूर होंगे। इसके बाद उस बालक ने गणेश की उपासना की और गणेश भगवान प्रसन्न हो गए। गणेश जी ने उसे अपने माता पिता यानी भगवान शिव पार्वती को देखने के लिए कैलाश जाने का वरदान दिया।Vinayak chaturthi vrat katha: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा लाभ

बालक कैलाश पहुंच गया। वहीं माता पार्वती को मनाने के लिए शिव जी ने भी 21 दिन तक गणेश व्रत किया और पार्वती जी मान गईं। इसके बाद माता पार्वती ने भी अपने पुत्र से मिलने के लिए 21 दिनों तक व्रत किया और उनकी यह इच्छा पूरी हो गई। माना जाता है कि वो बालक ही भगवान कार्तिकेय हैं। Vinayak chaturthi vrat katha: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा लाभ

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