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रोड़ पर वाहनों का गायों से टकराना होगा कम, वैज्ञानिकों ने खोजी तकनीक

जयपुर। भारत में आये दिन कई एक्सीडेंट होते रहते है। उनमें से कुछ एक्सीडेंट सड़कों पर रह रहे जानवरों के कारण भी हो जाती है। क्योंकि सड़कों पर इनका घूमना आम बात होती है, जिसके कारण आये दिन वाहन इनसे टकराते रहते हैं। लेकिन हाल ही में इन घटनाओं का कम करने के लिए भारतीय
रोड़ पर वाहनों का गायों से टकराना होगा कम, वैज्ञानिकों ने खोजी तकनीक

जयपुर। भारत में आये दिन कई एक्सीडेंट होते रहते है। उनमें से कुछ एक्सीडेंट सड़कों पर रह रहे जानवरों के कारण भी हो जाती है। क्योंकि सड़कों पर इनका घूमना आम बात होती है, जिसके कारण आये दिन वाहन इनसे टकराते रहते हैं। लेकिन हाल ही में इन घटनाओं का कम करने के लिए भारतीय इंजिनियरों ने एक अलर्ट सिस्टम का विकास किया है।

रोड़ पर वाहनों का गायों से टकराना होगा कम, वैज्ञानिकों ने खोजी तकनीक

सिस्टम को गाड़ी के मीटर में फिट किया जाता है, जो एक डैशबोर्ड कैमरे का इस्तेमाल करता है। इसकी मदद से ये पता लगता है कि वाहन के नजदीक कोई वस्तु तो नहीं है और है, तो वो क्या है। इसके अलावा ये इस बात को बताता है कि गाड़ी की स्पीड़ कितनी है और ये स्पीड़ गाय के लिए खतरनाक तो नहीं है।

रोड़ पर वाहनों का गायों से टकराना होगा कम, वैज्ञानिकों ने खोजी तकनीक

अगर इस तरह की कोई भी समस्या आती है तो सिस्टम में लगा आॅडियो चालक को ब्रेक लगाने के लिए अलर्ट करता है। ऐसा तब भी हो सकता है जब चालक ने उसे देखा भी न हो। अध्ययन के बाद शोधकर्ता बताते है कि गाय को देखने के बाद वाहन चालक को अलर्ट करने में प्र​स्तावित क्षमता लगभग 80 फीसदी होती है।

रोड़ पर वाहनों का गायों से टकराना होगा कम, वैज्ञानिकों ने खोजी तकनीक

इससे वाहन चालक जल्दी अलर्ट हो जाता है और साथ जरूरी कार्यवाही कर सकता है। शोधकर्ता सचिन शर्मा और धमेंन्द्र शाह के मुताबिक प्र​स्तावित सिस्टम की कीमत काफी कम, बेहद विश्वसनीय और प्रशिक्षण के बाद वाहन चालकों लगाने के लिए दिये जायेंगे।

रोड़ पर वाहनों का गायों से टकराना होगा कम, वैज्ञानिकों ने खोजी तकनीक

जिससे की आये दिन हो रहे गायों के एक्सीडेंट का कम किया जा सके। धीरे—धीरे इसका इस्तेमाल अन्य चीजों के लिए भी किया जायेगा।

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