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भारतीय फुटबाल में बड़े बदलाव की तैयारी में वेदांता ग्रुप

उदयपुर और गोवा में फुटबाल को बढ़ावा देने के बाद वेदांता ग्नुप ने सोमवार को ओडिशा और छत्तीसगढ़ में इस खेल को जमीनी स्तर पर आगे ले जाने के लिए अपनी अकादमी स्थापित करने की घोषणा की है। वेदांता ग्रुप की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने पिछले सप्ताह उदयपुर के जावर में जमीनी स्तर पर फुटबाल
भारतीय फुटबाल में बड़े बदलाव की तैयारी में वेदांता ग्रुप

उदयपुर और गोवा में फुटबाल को बढ़ावा देने के बाद वेदांता ग्नुप ने सोमवार को ओडिशा और छत्तीसगढ़ में इस खेल को जमीनी स्तर पर आगे ले जाने के लिए अपनी अकादमी स्थापित करने की घोषणा की है। वेदांता ग्रुप की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने पिछले सप्ताह उदयपुर के जावर में जमीनी स्तर पर फुटबाल ट्रेनिंग के लिए अपनी विशेष तकनीक ‘एफ-क्यूब टेक्नोलॉजी’ को लांच किया था। जावर में ग्रुप ने एक अत्याधुनिक रेजिडेंसियल फुटबाल अकादमी भी लांच की है, जिसे जिंक फुटबाल नाम दिया गया है।

इस रेजिडेंसियल अकादमी में मौजूदा समय में 14 साल तक की आयु के 30 फुटबाल खिलाड़ी मौजूद हैं जिन्हें पिछले साल चलाए गए प्रतिभाखोज कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 4500 प्रतिभागियों में से चुना गया है।

अकादमी में 60 बच्चों के रहने की व्यवस्था की गई है, जिसकी तादाद भविष्य में बढ़ाई जाएगी। वेदांता ग्नुप 1999 से गोवा में सेसा फुटबाल के नाम से एक अकादमी चला रहा है।

इस नई शुरुआत पर वेदांता फुटबाल के अध्यक्ष अनन्य अग्रवाल ने कहा, “वेदांता में हम भारतीय फुटबाल को आगे ले जाना चाहते हैं और अपनी योजना के दूसरे स्तर पर पहुंचना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “एक जमीनी स्तर पर जहां खेलने वाले खिलाड़ी को हर प्रकार की सुविधा मिले और दूसरा, फुटबाल एक्सीलेंस प्रोग्राम, जहां हम स्टेट ऑफ द आर्ट फुटबाल अकादमी को स्थापित करना चाहते हैं, जैसी की हमने गोवा और राजस्थान में की है।”

फुटबाल के विकास को लेकर जारी कार्यक्रमों को लेकर अनन्य ने खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से सोमवार को मुलाकात की और इसे आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा की। अनन्य के मुताबिक खेल मंत्री ने इस योजाना को लेकर काफी खुशी जाहिर की और राजस्थान में जिंक फुटबाल द्वारा चलाए जा रहे सभी 64 सामुदायिक फुटबाल केंद्रों को खेलो इंडिया अभियान के साथ जोड़ने की बात कही।

अनन्या ने कहा, “हम हर बच्चे को खेलने का मौका देना चाहते हैं। खेल मंत्री न सिर्फ प्रतिभा को खोजना चाहते हैं बल्कि उस प्रतिभा का भी भरपूर इस्तेमाल करना चाहते हैं। खेल मंत्री ने कहा कि देश में फुटबाल के विकास के लिए उन स्थानों को भी अपने दायरों में शामिल करना होगा, जहां वेदांता ग्रुप काम नहीं कर रहा है।”

अनन्य ने कहा कि वह खुद फुटबाल प्रेमी हैं और इस खेल को आगे ले जाने के लिए कृतसंकल्प हैं। उनके मुताबिक उनकी इच्छा भारत को 2026 फीफा विश्व कप में खेलते देखने की है। अनन्य ने कहा, “फुटबाल मेरी रग-रग में बसा है और मैं इस खेल को नई ऊंचाईयों तक ले जाना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि भारत 2026 फीफा विश्व कप में खेले और वेदांता ग्रुप ने इसी मकसद को ध्यान में रखते हुए एफ-क्यूब तकनीक वाला अपना अत्याधुनिक फुटबाल एक्सीलेंस सेंटर लांच किया है।”

अनन्य के मुताबिक भारत में फुटबाल के विकास के लिए लोगों को आना होगा क्योंकि जब तक किसी खेल से उस देश के लोग प्यार नहीं करेंगे, तब तक वह आगे नहीं बढ़ेगा। बकौल अनन्य, “देश में आज क्रिकेट सबको प्यारा है और इसी कारण क्रिकेट टीम भी अच्छी है। इसी तरह हमें फुटबाल के लिए एक माहौल तैयार करना होगा। हमें निचले स्तर पर टूर्नामेंट्स कराने होंगे और लोगों को वहां तक लाना होगा। किसी भी खेल के विकास में उसके चाहने वालों का बड़ा हाथ होता है। बाकी का काम सरकार और दूसरे संस्थाओं का है।”

अपनी महत्वाकांक्षी योजाना को आगे ले जाने के अपने प्लान को लेकर अनन्य ने कहा कि वह मानते हैं कि देश भर में प्रतिभा की कोई कमी नहीं और इसी कारण वह चाहते हैं कि उनकी अत्याधुनिक अकादमी में कुछ सीटें दूसरे राज्यों के बच्चों के लिए सुरक्षित हों क्योंकि वेदांता ग्रुप सही मायने में फुटबाल के विकास को लेकर कृतसंकल्प है और इसी कारण जिंक फुटबाल का सर्वेसर्वा होने के नाते वह खेल मंत्री से मिले और उनके साथ अपने विचार साझा किए।

अनन्य ने कहा, “हम राजस्थान में फुटबाल का विकास चाहते हैं। हम देश में फुटबाल का विकास चाहते हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय फुटबाल समृद्ध हो और राजस्थान का उसमें एक अहम योगदान हो। हमारा फुटबाल एक समय काफी समृद्ध था। हम इस शानदार खेल के माध्यम से समाज के सभी वर्गो को मुध्यधारा में लाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि भारत एशिया की टॉप-10 और विश्व की टॉप-50 टीमों में शामिल हो।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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