Samachar Nama
×

क्या आप भी होना चाहते हैं परीक्षा में सफल, तो करें वास्तु के इन नियमों का पालन

वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में विशेष महत्व रखता हैं वही स्टडी रूम की गलत दिशा में उपस्थिति विद्यार्थी के लिए कई तरह से नकारात्मक साबित होती हैं वास्तु अनुसार कुछ ऐसी दिशाएं होती है, जहां पढ़ाई करना मानसिक तनाव और डिप्रेशन का कारण बन जाता है तो कभी व्यक्ति को कितनी भी मेहनत करने
क्या आप भी होना चाहते हैं परीक्षा में सफल, तो करें वास्तु के इन नियमों का पालन

वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में विशेष महत्व रखता हैं वही स्टडी रूम की गलत दिशा में उपस्थिति विद्या​र्थी के लिए कई तरह से नकारात्मक साबित होती हैं वास्तु अनुसार कुछ ऐसी दिशाएं होती है, जहां पढ़ाई करना मानसिक तनाव और डिप्रेशन का कारण बन जाता हैक्या आप भी होना चाहते हैं परीक्षा में सफल, तो करें वास्तु के इन नियमों का पालन तो कभी व्यक्ति को कितनी भी मेहनत करने पर अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं इसलिए आपका यह जानना जरूरी है कि अगर आप भी ऐसी ​ही किसी दिशा में बैठकर पढ़ते है तो अपना स्थान बदल लें। तो आज हम आपको वास्तु अनुसार स्टडी करने के लिए कौन सी दिशाएं शुभ नहीं होती हैं उनके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।क्या आप भी होना चाहते हैं परीक्षा में सफल, तो करें वास्तु के इन नियमों का पालन

पश्चिमी वायव्य दिशा पश्चिम और उत्तर पश्चिम दिशा के मध्य में स्थित होती है। यह स्थान पढ़ने के लिए या स्टडी रूम के लिए प्रतिकूल हैं इस स्थान पर अगर कोई व्यक्ति पढ़ाई करता है तो वह उसके लिए मानसिक तनाव और अवसाद का कारण बन सकती हैं। इस दिशा में ऐसे किसी भी कार्य को सम्पादित करने से बचना चाहिए, जिसके लिए आपको लम्बे वक्त तक यहां पर बैठना पड़े। विशेषतौर पर मानसिक क्षमता से जुड़े कार्य जैसे कि पढ़ाई करने के लिए यह स्थान वास्तु के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं हैं।क्या आप भी होना चाहते हैं परीक्षा में सफल, तो करें वास्तु के इन नियमों का पालनदक्षिणी नैऋत्य दिशा दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिशा के मध्य में स्थित होती है, दक्षिणी नैऋत्य में बैठकर पढ़ने पर इम्तिहानों में बच्चों को अच्छे अंक प्राप्त नहीं होते हैं। इस दिशा में स्टडी रूम होने पर अगर विद्यार्थी बहुत अधिक परिश्रम भी करता है, तो भी अंतिम नतीजों में उसे अच्छे अंक और सफलता प्राप्त करने से वंचित रहना पड़ता है यहां पर अध्ययन सामग्री भी रखने से बचें। तो बेहतर होगा।
क्या आप भी होना चाहते हैं परीक्षा में सफल, तो करें वास्तु के इन नियमों का पालन

पूर्वी आग्नेय पूर्व दिशा और दक्षिण पूर्व दिशा के मध्य में स्थित होती है यह दिशा पश्चिमी वायव्य और दक्षिणी नैऋत्य की अपेक्षा बेहतर है मगर फिर भी एक बहुत अच्छा विकल्प इसे नहीं माना जा सकता है। सामान्यतया पूर्वी आग्नेय में स्थित स्टडी रूम में पढ़ने से व्यक्ति किसी सभी विषय का जरुरत से अधिक विश्लेषण करने लग जाता हैं।क्या आप भी होना चाहते हैं परीक्षा में सफल, तो करें वास्तु के इन नियमों का पालन

 

Share this story