इन उपायों को करने से होती है शुभ फल की प्राप्ति
आपको बता दें, कि करवाचौथ का पर्व हिंदू धर्म की महिलाओं के लिए बहुत ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता हैं,इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं वही शाम को चंद्रमा की पूजा के बाद ही कुछ खाती हैं वही अगर आप भी करवाचौथ का व्रत पूरी श्रद्धा भाव के साथ रखती हैं और चाहती हैं कि आपके व्रत रखने से आपके वैवाहिक जीवन और घर परिवार में हमेशास ही सुख शांति बनी रहे तो पूजा के दौरान वास्तु से जुड़ी कुछ खास बातों और दिशाओं की स्थिति का मूलरूप से ध्यान रखें, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वो कौन सी बातें हैं, तो आइए जानते हैं।
बता दें, कि सरगी मतलब व्रत के समय का खाना खाते वक्त दक्षिण पूर्व दिशा की असेा मुंह करके बैठें। जिससे आपको सकारात्मक शक्ति प्राप्त हो सकें। वही जो व्रत में आपके लिए मददगार साबित होगा। वही करवाचौथ को दोपहर का समय दक्षिण पूर्व दिशा में बिताना सबसे शुभ माना जाता हैं क्योंकि इस समय इस दिशा का तत्व अग्नि होता हैं इसलिए यह समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ ही बिताएं।
वही कथा के बाद शेष समय अपने पति के साथ दक्षिण पश्चिम दिशा में समय बिताएं। इससे आप आपके पति के संबंधों में प्यार और अधिक बढ़ जाएंगा। वही करवाचौथ के व्रत के समय जब चंद्रमा को जल चढ़ाएं तो ध्यान रखें कि आपकी दिशा उत्तर पश्चिम होनी चाहिए। वही करवाचौथ की पूजा करते वक्त आपका मुंह उत्तर पूर्व या फिर पूर्व दिशा की ओर हो तो इससे पूजा और व्रत दोनों का ही फल अवश्य ही प्राप्त होता हैं करवाचौथ की पूजा के लिए घर में बने मंदिर या हॉल का ही प्रयोग करें।