वास्तु: पति पत्नी के बीच लड़ाई की वजह बनता हैं डोर बेल का वास्तुदोष
हर व्यक्ति अपने घर में डोर बेल जरूर ही लगवाता हैं वही इसकी मीठी और मधुर आवाज न केवल मेहमानों को प्रसन्न करती हैं बल्कि घर के लोगो को बाहर खड़ें मेहमानों की भी सूचना प्रदान करती हैं। वही हिंदू धर्म में वास्तुशास्त्रों में डोर बेल को लेकर भी कई सारे नियम के बारे में बताया हैं। क्योंकि डोर बेल आपके घर में लड़ाई झगड़े और क्लेश का कारण भी बन सकता हैं। वही घर में जब भी डोर बेल लगवाएं तो वास्तुशास्त्र का हमेशा ही ध्यान रखें। क्योंकि गलत दिशा में या फिर गलत तरीके से लगाई गई डोर बेल घर में परेशानियों और क्लेश का मुख्य कारण भी बन सकती हैं। घर में रहने वाले व्यक्तियों में मनमुटाव भी पैदा हो सकता हैं तो आज हम आपको डोर बेल से जुड़े कुछ खास वास्तु नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं कि वो क्या वास्तु के नियम हैं जिसे अपनाकर आपके अपने जीवन में सुख शांति के साथ साथ समृद्धि भी ला सकते हैं। आपको बता दें,कि वास्तु के मुताबिक घर के बाहर डोर बेल अवश्य ही होनी चाहिए। क्योंकि अगर यह नहीं होगी तो घर आये मेहमान आवाज देकर या फिर दरवाजा खटखटाकर घर के मालिक को बुलाते हैं। जिसे वास्तुशास्त्र में अच्छा नहीं माना जाता हैं ऐसा कहा जाता हैं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता हैं,वही इसका असर घर परिवार में रहने वाले व्यक्तियों पर होता हैं। वही वास्तुशास्त्रों के मुताबिक घर की डोर बेल जमीन से कम से कम 5 फीट की ऊंचाई पर लगी होनी चाहिए। इससे न सिर्फ वास्तु दोष दूर हो जाते हैं बल्कि घर के सदस्यों में मधुरता आती हैं।