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शिव की पूजा से होता है वास्तुदोष दूर

उत्तर पूर्व दिशा भगवान शिव की दिशा मानी जाती हैं सकारात्मक शक्ति के प्रवाह और शुद्ध विचारों में वृद्धि के लिए यहां शिव परिवार की तस्वीर लगाने से शुभ फलों में वृद्धि संभव हैं। वास्तुदोषों से उत्पन्न अकारण भय, परेशानी आदि के निवारण के लिए तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रुद्राष्टकम का पाठ किया जाना सकारात्मक परिणाम देगा।
शिव की पूजा से होता है वास्तुदोष दूर

आपको बता दें कि हर व्यक्ति के जीवन में वास्तुशास्त्र का विशेष महत्व होता हैं वही भगवान शिव ऐसे देवता हैं जो श्रद्धा भक्ति के साथ की गई जरा सी पूजा से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और जिनकी पूजा आराधना से वास्तुदोषों का शमन भी होता हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं वास्तु के मुताबिक भगवान की पूजा और उनकी तस्वीर को घर में लगाने के कुछ सरल नियम, आइए जानते हैं।शिव की पूजा से होता है वास्तुदोष दूर

बता दें कि जिन घरों में वास्तुदोष हो वहां सुख शांति के लिए शिवलिंग पर अभिषेक करने के उपरान्त जलहरी के जल को घर लाकर उससे ‘ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय ‘ ये मंत्र का जपते हुए पूरे भवन में छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से वहां उपस्थित सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।शिव की पूजा से होता है वास्तुदोष दूर वही कार्य में विघ्न बाधा, आपसी कलह, रोग आदि परेशानियों को दूर करने के लिए घर के उत्तर पूर्व या ब्रह्म स्थान में रुद्राभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता हैं। वही घर परिवार पर भगवान शिव की कृपा बनी रहे, धन का आगमन हो इसके लिए घर की पूर्व या फिर उत्तर ​पश्चिम दिशा में बिल्व का पेड़ लगाएं और उसको नियमित रूप से जल दें। वही शाम के वक्त इसके नीचे घी का दीपक जलाएं।शिव की पूजा से होता है वास्तुदोष दूर

वही उत्तर पूर्व दिशा भगवान की दिशा मानी जाती हैं सकारात्मक शक्ति के प्रवाह और शुद्ध विचारों में वृद्धि के लिए यहां शिव परिवार की तस्वीर लगाने से शुभ फलों में वृद्धि संभव हैं। वास्तुदोषों से उत्पन्न अकारण भय, परेशानी आदि के निवारण के लिए तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रुद्राष्टकम का पाठ किया जाना सकारात्मक परिणाम देगा।

उत्तर पूर्व दिशा भगवान शिव की दिशा मानी जाती हैं सकारात्मक शक्ति के प्रवाह और शुद्ध विचारों में वृद्धि के लिए यहां शिव परिवार की तस्वीर लगाने से शुभ फलों में वृद्धि संभव हैं। वास्तुदोषों से उत्पन्न अकारण भय, परेशानी आदि के निवारण के लिए तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रुद्राष्टकम का पाठ किया जाना सकारात्मक परिणाम देगा। शिव की पूजा से होता है वास्तुदोष दूर

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