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वास्तु विधि से तुलसी का पौधा नहीं लगाने पर होता है नुकसान ही नुकसान…

मानव जीवन में वास्तुशास्त्र का एक अपना अलग महत्व है। ऐसी मान्यता है कि अगर आप ने वास्तुशास्त्र के मुताबिक अपना घर नहीं बनवाया तो लाख कोशिशों के बावजूद भी आप उस घर में सुखी नहीं रह पाते हैं। आए दिन कोई ना कोई समस्या आती ही रहती है। गृहस्थजन कभी—कभी घर में साकारात्मकता और
वास्तु विधि से तुलसी का पौधा नहीं लगाने पर होता है नुकसान ही नुकसान…

मानव जीवन में वास्तुशास्त्र का एक अपना अलग महत्व है। ऐसी मान्यता है कि अगर आप ने वास्तुशास्त्र के मुताबिक अपना घर नहीं बनवाया तो लाख कोशिशों के बावजूद भी आप उस घर में सुखी नहीं रह पाते हैं। आए दिन कोई ना कोई समस्या आती ही रहती है। गृहस्थजन कभी—कभी घर में साकारात्मकता और खुशहाली लाने के लिए तुलसी का पौधा भी लगाते हैं।

लेकिन अगर तुलसी का पौधा भी वास्तु शास्त्र के मुताबिक नहीं लगाया गया तो लाभ की जगह नुकसान ही नुकसान होने लगते हैं। यदि तुलसी के पौधे को वास्तुशास्त्र के अनुसार रोपित किया जाए तो घर में हमेशा साकारात्मक ऊर्जा का वास होता रहेगा तथा धन वृद्धि बनी रहेगी। क्यों कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है।

एक बात का विशेष ध्यान रखें कि तुलसी के गमले में किसी अन्य पौधे को ना लगाएं। तुलसी का पौधा हमेशा पूर्व दिशा या फिर उत्तर दिशा में लगाएं। क्यों कि दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा लगाना अपने दुर्भाग्य का आमंत्रित करना है।
भारतीय संस्कृति में तुलसी—
प्राचीन काल से ही हिंदू गृहस्थ तुलसी का पूजन करता चला आ रहा है। संतान नहीं होने की स्थिति में तुलसी विवाह किया जाता है। बिना तुलसी पत्र चढ़ाए शालिग्राम की पूजा होती ही नहीं है।

विष्णु भगवान की पूजा के समय चढ़ाए गए हर प्रसाद जैसे चरणामृत, हलवे, खीर, पूड़ी आदि में तुलसी पत्र जरूर अर्पित किया जाता है। बिना तुलसी पत्र के देवतागण को भोग नहीं लगाया जाता है। जब किसी इंसान का अंतिम समय आ जाता है उस दौरान भी उसके मुख में तुलसी और गंगाजल ही डाला जाता है।

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