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वसंत पंचमी के दिन इस पूजा विधि से करें मां सरस्वती को प्रसन्न

वसंत पंचमी को वैदिक वांगमय में ऋतुमुख भी कहा जाता हैं साथ ही सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता हैं इस दिन विशेष रूप से पुस्तक और लेखनी की आराधना का विधान होता हैं वैदिक काल में गुरुकुलों में दीक्षांत समारोह स्नातक ब्रह्मचारियों को त्रिवृत उपाधियां वसु, रुद्र और आदित्य नाम से देने की परंपरा रही हैं। इस वर्ष वसंत पंचमी का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा।
वसंत पंचमी के दिन इस पूजा विधि से करें मां सरस्वती को प्रसन्न

वसंत पंचमी का पर्व विद्यार्थियों के लिए बहुत ही खास पर्व होता हैं वसंत पंचमी को वैदिक वांगमय में ऋतुमुख भी कहा जाता हैं साथ ही सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता हैं इस दिन विशेष रूप से पुस्तक और लेखनी की आराधना का विधान होता हैं Related imageवैदिक काल में गुरुकुलों में दीक्षांत समारोह स्नातक ब्रह्मचारियों को त्रिवृत उपाधियां वसु, रुद्र और आदित्य नाम से देने की परंपरा रही हैं। इस वर्ष वसंत पंचमी का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। पंचांग के मुताबिक ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित वसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी पर्व मनाया जाता हैं।वसंत पंचमी के दिन इस पूजा विधि से करें मां सरस्वती को प्रसन्न

वसंत पंचमी के दिन त्रिवृत यज्ञ का विधान है, जिसमें तीन अंग देव पूजा, संगतीकरण और दान हैं इसलिए वसंत उत्सव से यज्ञारंभ, विविध आयोजन, अध्ययन, संगीत, कला, विवाह, गृह प्रवेश आदि कार्य संपन्न किए जा सकते हैं इस दिन हलवे की आहुतिया ​दी जाती हैं Related imageगुड़ व घी मिश्रित अग्नि तथा पितृ देव को केसरयुक्त मीठे पीले चावल बनाकर पूजा करें। वही इस दिन सुबह उठकर शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें। अग्र भाग में श्री गणेश और पीछे वंसत स्थापित करें। वही पीले पुष्पों से वसंत बनाएं। वसंत पंचमी के दिन इस पूजा विधि से करें मां सरस्वती को प्रसन्न भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में स्वयं के वसंत में प्रकट होने की बात कही गई हैं। वही ब्रह्मवैवर्त पुराण आदि ग्रंथों में कहा गया हैं कि इस वसंत पंचमी के दिन शिव ने पार्वती को धन और संपन्नता की देवी होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।Image result for वसंत पंचमी

वसंत पंचमी को वैदिक वांगमय में ऋतुमुख भी कहा जाता हैं साथ ही सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता हैं इस दिन विशेष रूप से पुस्तक और लेखनी की आराधना का विधान होता हैं वैदिक काल में गुरुकुलों में दीक्षांत समारोह स्नातक ब्रह्मचारियों को त्रिवृत उपाधियां वसु, रुद्र और आदित्य नाम से देने की परंपरा रही हैं। इस वर्ष वसंत पंचमी का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। वसंत पंचमी के दिन इस पूजा विधि से करें मां सरस्वती को प्रसन्न

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