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वरुथिनी एकादशी: इस दिन पूजन कर पायें दस हजार वर्षों के तप जितना पुण्य

आपको बता दें,कि हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारी एकादशी मनाई जाती हैं मगर बैशाख के महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली वरुथिनी एकादशी बहुत ही विशेष मानी जाती हैं यह एकादशी लोक और परलोक में भी सौभाग्य प्रदान करने वाली होती हैं। वरुथिनी के व्रत से व्यक्ति सदा सुखी रहने का लाभ
वरुथिनी एकादशी: इस दिन पूजन कर पायें दस हजार वर्षों के तप जितना पुण्य

आपको बता दें,कि हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारी एकादशी मनाई जाती हैं मगर बैशाख के महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली वरुथिनी एकादशी बहुत ही विशेष मानी जाती हैं यह एकादशी लोक और परलोक में भी सौभाग्य प्रदान करने वाली होती हैं। वरुथिनी के व्रत से व्यक्ति सदा सुखी रहने का लाभ प्राप्त करता हैं वही पाप का नाश हो जाता हैं। वही यह एकादशी भोग और मोक्ष प्रदान करने वाली मानी जाती हैं।वरुथिनी एकादशी: इस दिन पूजन कर पायें दस हजार वर्षों के तप जितना पुण्य

वही इस एकादशी को लेकर यह भी मान्यता हैं,कि वरुथिनी के व्रत से व्यक्ति को दस हजार सालों की तपस्या का फल प्राप्त हो जाता हैं वही कृष्ण पक्ष की एकादशी होने की वजह से यह वानप्रस्थ सन्यास और विधवाओं के लिए बहुत ही खास मानी जाती हैं अगर आप एकादशी का निष्काम व्रत कर रहे हैं तो आपको सभी तरह के पापों से मुक्ति प्राप्त हो जायेंगी। वही इस व्रत को करने वाले को एक दिन पूर्व से ही इस व्रत में संलग्न हो जाना चाहिए। यह शुभ माना जाता हैं।वरुथिनी एकादशी: इस दिन पूजन कर पायें दस हजार वर्षों के तप जितना पुण्य

वही बता दें,कि इस बार वरुथिनी एकादशी 29 अप्रैल 2019 को रात्रि 22 बजकर 04 मिनट से आरम्भ हो जायेंगी। एक दिन के बाद 31 तारीख को मध्य रात्रि 12 बजकर 18 मिनट तक यह बनी रहेगी। वही उदिया तिथि में होने की वजह से यह व्रत एवम पूजन मंगलवार को ही होगी।

वरुथिनी एकादशी: इस दिन पूजन कर पायें दस हजार वर्षों के तप जितना पुण्य

वही इस के पश्चात अगले दिन द्वादशी को यानी की 31 अप्रैल को व्रत का पारण 6 बजकर 44 मिनट से लेकर 8 बजकर 22 मिनट के मध्य किया जायेगा। वही 30 अप्रैल 2019 को एकादशी के दिन सुबह 8 बजकर 15 मिनट से पहले स्नान आदि करके संकल्प लेना चाहिए।

वरुथिनी एकादशी: इस दिन पूजन कर पायें दस हजार वर्षों के तप जितना पुण्य

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