भारत में आज भी 29 लाख बच्चे हैं इस टीके से वंचित
जयपुर । विश्व टिकाकरण सप्ताह चल रहा है 23 अप्रेल से लेकर 30 अप्रेल तक चलने वाला यह सप्ताह लोगों में टीकों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए बनाया गया है । गर्भावस्था से लेकर बच्चे के बच्चा जन्म लेता है उसके बाद तक उसको कई बीमारियों से बचाव के लिए उसको टिकें लगाए जाते हैं ताकि उसको गंभीर बीमारियों के प्रकोप से बचाया जा सके ।
खसरा बीमारी महामारी कहलाती है कई बार यह लोगों की जान भी ले लेता है । खसरे की बीमारी ज्यादा तर बच्चों को अपना शिकार बनती है ऐसा नही है की बच्चे ही इसका शिकार होते हैं बड़ों में भी यह बीमारी होने का खतरा बराबर बना ही रहता है पर यह बच्चों को इसलिए ज्यादा होती हैं क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है जिसके कारण वह ऐसी बीमारियों का शिकार ज्यादा होते हैं ।
यूनिसेफ की मानें तो भारत में 29 लाख बच्चों को साल 2010 से 2017 के बीच खसरा के टीके नहीं लग ही नही पाते है जबकि 80 फीसदी से अधिक टीकाकरण कवरेज रहा था। संयुक्त राष्ट्र बाल स्वास्थ्य इकाई ने बताया कि कम और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में खसरे को लेकर फिलहाल स्थिति नाजुक है।
इस बीमारी के टीके न लग पाने की समस्या से सिर्फ भारत ही ग्रसित नहीं है बल्कि नाइजीरिया में इससे भी ज्यादा हालत खराब है नाजीरिया में 40 लाख बच्चे खसरे की पहली खुराक के टीके से वंचित हैं । भारत में यह बीमारी पहले भी महामारी का रूप ले चुकी है जिससे कई लोगों की मौत हो चुकी है ।