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उत्पन्ना एकादशी व्रत की ऐसे हुई थी शुरुआत

अगर व्यक्ति किसी व्रत या त्योहार को करता हैं तो इसकी कहानी सुने बिना आपके व्रत का महत्व पूरा नहीं होता हैं। वही उत्पन्ना एकादशी की शुरुआत से भी ऐसी ही कहानी जुड़ी हुई मानी जाती हैं। मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से किया जाता हैं इस बार यह तिथि 22 नवंबर यानी की आज हैं।
उत्पन्ना एकादशी व्रत की ऐसे हुई थी शुरुआत

आपको बता दें कि हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत और त्योहार मनाई जाते हैं मगर एकादशी का विशेष महत्व होता हैं और हर व्रत त्योहार के साथ कोई न कोई पौराणिक कहानी भी जुड़ी हुई होती हैं। वही अगर व्यक्ति किसी व्रत या त्योहार को करता हैं तो इसकी कहानी सुने बिना आपके व्रत का महत्व पूरा नहीं होता हैं।उत्पन्ना एकादशी व्रत की ऐसे हुई थी शुरुआत वही उत्पन्ना एकादशी की शुरुआत से भी ऐसी ही कहानी जुड़ी हुई मानी जाती हैं। मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से किया जाता हैं इस बार यह तिथि 22 नवंबर यानी की आज मनाई जा रही हैं।उत्पन्ना एकादशी व्रत की ऐसे हुई थी शुरुआत

हिंदू पुराणों के मुताबिक एकादशी एक देवी हैं जिनका जन्म भगवान विष्णु के अंशा से हुआ था। मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को देवी एकादशी प्रकट हुई थी। इसलिए इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा हैं। पद्मपुराण के मुताबिक इस एकादशी के व्रत से धन धान्य का लाभ और मोक्ष की प्राप्ति मनुष्य को हो जाती हैं। उत्पन्ना एकादशी व्रत की ऐसे हुई थी शुरुआतपौराणिक कहानी के मुताबिक श्री विष्णु और मुर नामक राक्षस का युद्ध चल रहा था। राक्षस से युद्ध करते हुए श्री विष्णु थक गए और एक गुफा में जाकर विश्राम करने लगे। मुर राक्षस विष्णु जी का पीछा करता हुआ बद्रीकाश्रम पहुंच गया। गुफा में श्री विष्णु को निद्रा लग गई निद्रा में लीन भगवान को मुर ने मारना चाहा। तभी विष्णु जी के शरीर से एक देवी प्रकट हुई और उन्होंने मुन का वध कर दिया।उत्पन्ना एकादशी व्रत की ऐसे हुई थी शुरुआत देवी के कार्य से प्रसन्न हो कर भगवान विष्णु ने कहा कि देवी आपका जन्म कृष्ण पक्ष की एकादशी को हुआ हैं इसलिए आपका नाम एकादशी होगा। सभी व्रतों में तुम्हारा व्रत श्रेष्ठ माना जाएगा। आज से हर एकादशी को मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा होगी। जो भक्त एकादशी का व्रत रखेगा वह पापों से मु​क्ति प्राप्त कर सकता हैं।उत्पन्ना एकादशी व्रत की ऐसे हुई थी शुरुआत

अगर व्यक्ति किसी व्रत या त्योहार को करता हैं तो इसकी कहानी सुने बिना आपके व्रत का महत्व पूरा नहीं होता हैं। वही उत्पन्ना एकादशी की शुरुआत से भी ऐसी ही कहानी जुड़ी हुई मानी जाती हैं। मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से किया जाता हैं इस बार यह तिथि 22 नवंबर यानी की आज हैं। उत्पन्ना एकादशी व्रत की ऐसे हुई थी शुरुआत

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