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उत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था एकादशी माता का जन्म

उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता हैं जो इस साल 22 नंवबर को पड़ रही हैं। एकादशी का दिन श्री विष्णु को समर्पित होता हैं पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इसी व्रत के प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं बहुत कम ही लोग जानते हैं कि एकादशी एक देवी थी। जिनका जन्म श्री विष्णु से हुआ था।
उत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था एकादशी माता का जन्म

हिंदू धर्म में पूरे 24 एकादशी होती हैं जिसमें उत्पन्ना एकादशी का विशेष महत्व होता है उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता हैं जो इस साल 22 नंवबर को पड़ रही हैं। एकादशी का दिन श्री विष्णु को समर्पित होता हैंउत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था एकादशी माता का जन्म पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इसी व्रत के प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं बहुत कम ही लोग जानते हैं कि एकादशी एक देवी थी। जिनका जन्म श्री विष्णु से हुआ था। एकादशी माता मार्गशीर्ष मास की कृष्ण एकादशी को प्रकट हुई थी। जिसके कारण इस एकादशी का नाम भी उत्पन्ना एकादशी पड़ा इसी दिन से एकादशी व्रत का आरंभ माना जाता हैं। उत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था एकादशी माता का जन्मऐसा माना जाता हैं कि स्वयं श्री कृष्ण ने युधिष्टिर को एकादशी माता के जन्म की कथा सुनाई थी यह कथा कुछ इस तरह है कि सतयुग के समय मुर नाम का राक्षस था। उसने अपनी शक्ति से स्वर्ग लोक को जीत लिया था। ऐसे में इंद्रदेव ने श्री विष्णु से मदद मांगी। भगवान विष्णु का मुर दैत्य से युद्ध आरंभ हो गया, जो कई सालों तक चला।
उत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था एकादशी माता का जन्मअंत में विष्णु जी को नींद आने लगी तो वे बद्रिकाश्रम में हेमवती नामक गुफा में विश्राम करने चले गए। मुर भी उनके पीछे पहुंचा और सोते हुए भगवान को मारने के लिए आगे बढ़ा तभी अंदर से एक कन्या निकली और उसने मुर से युद्ध किया। घमासन युद्ध के बाद कन्या ने मुर का मस्तक धड़ से अलग कर दिया। जब विष्णु की नींद टूटी तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि यह कैसे हुआ कन्या ने सब विस्तार से बताया। वृत्तांत जानकर ​श्री विष्णु ने कन्या को वरदान मांगने के लिए कहा।उत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था एकादशी माता का जन्म

कन्या ने मांगा कि अगर कोई व्यक्ति मेरा उपवास करें तो उसके सारे पान दूर हो जाएं और उसे विष्णुलोक मिले। तब श्री विष्णु ने उस कन्या को एकादशी नाम दिया और वरदान दिया कि इस व्रत के पालन से मनुष्य जाति के पापों का नाश होगा और उन्हें विष्णु लोक प्राप्त होगा।उत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था एकादशी माता का जन्म

उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता हैं जो इस साल 22 नंवबर को पड़ रही हैं। एकादशी का दिन श्री विष्णु को समर्पित होता हैं पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इसी व्रत के प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं बहुत कम ही लोग जानते हैं कि एकादशी एक देवी थी। जिनका जन्म श्री विष्णु से हुआ था। उत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था एकादशी माता का जन्म

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