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इस तारीख को है उत्पन्ना एकादशी

उत्पन्ना एकादशी के दिन ही एकादशी माता भगवान विष्णु के शरीर से प्रकट हुई थी। इस साल यह 22 नंवबर को हैं। इस दिन व्रत करने से मन निर्मल होने के साथ शरीर भी स्वस्थ्य होता हैं वही एकादशी का व्रत बहुत कठोर माना जाता हैं क्योंकि व्रत के दौरान 24 घंटे तक कुछ भी खाया पिया नहीं जाता हैं।एकादशी का उपवास समस्त प्राणियों के लिए अनिवार्य माना गया हैं
इस तारीख को है उत्पन्ना एकादशी

हिंदू धर्म में एकादशी को बहुत ही खास महत्व दिया जाता हैं वही इस धर्म में कुल 24 एकादशी हैं जिसमें से उत्पन्ना एकादशी को बहुत ही शुभ माना जाता हैं। उत्पन्ना एकादशी के दिन ही एकादशी माता भगवान विष्णु के शरीर से प्रकट हुई थी। इस साल यह 22 नंवबर को हैं। इस दिन व्रत करने से मन निर्मल होने के साथ शरी भी स्वस्थ्य होता हैं वही एकादशी का व्रत बहुत कठोर माना जाता हैं क्योंकि व्रत के दौरान 24 घंटे तक कुछ भी खाया पिया नहीं जाता हैं।इस तारीख को है उत्पन्ना एकादशी

वही एकादशी का उपवास समस्त प्राणियों के लिए अनिवार्य माना गया हैं इस व्रत का अनुष्ठान इसी तिथि से आरंभ करना उचित माना जाता हैं। वही हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत ही महत्व होता हैं हर साल 24 एकादशियां आती हैं मगर मलमास या अधिकमास को मिलाकर इनकी संख्या 26 भी हो जाती हैं। इस तारीख को है उत्पन्ना एकादशीवही मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष के दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता हैं हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक अगर एकादशी का व्रत नहीं रखते हैं तो भी एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। कहा जाता हैं कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती हैं इस तारीख को है उत्पन्ना एकादशीइस व्रत में व्रती को बुरे कर्म करने वाले, पापी, दुष्ट लोगों की संगत से बचना चाहिए। एकादशी व्रत में अन्न का सेवन करने से पुण्य का नाश हो जाता हैं एक समय फलाहार कर सकते हैं। उत्पन्ना एकादशी के दिन ही एकादशी माता उत्पन्न हुआ था। यह भगवान श्री विष्णु के शरीर से उत्पन्न हुई थीइस तारीख को है उत्पन्ना एकादशी

उत्पन्ना एकादशी के दिन ही एकादशी माता भगवान विष्णु के शरीर से प्रकट हुई थी। इस साल यह 22 नंवबर को हैं। इस दिन व्रत करने से मन निर्मल होने के साथ शरीर भी स्वस्थ्य होता हैं वही एकादशी का व्रत बहुत कठोर माना जाता हैं क्योंकि व्रत के दौरान 24 घंटे तक कुछ भी खाया पिया नहीं जाता हैं।एकादशी का उपवास समस्त प्राणियों के लिए अनिवार्य माना गया हैं इस तारीख को है उत्पन्ना एकादशी

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