सोच समझ कर ही धारण करें रत्न
हर मनुष्य के जीवन में रत्नज्योतिषशास्त्र का विशेष महत्व होता हैं वही यूं तो रत्न एक किस्म के पत्थर ही होते हैं मगर सभी पत्थर रत्न नहीं कहे जा सकते हैं इस बात को बेहतर तरीके से समझना जाए तो रत्न को पत्थरों में से छांठकर निकाल सकते हैं। उनकी शिनाख्त कि जा सकती हैं और फिर उन्हें अपने दैनिक जीवन में बेहतर उपयोग कर सकते हैं। वही अगर ऐसा न करके, हम बिना सोचे समझे रत्नों का इस्तेमाल करते हैं तो उसका उल्टा प्रभाव पड़ सकता हैं ऐसी स्थिति में नुकसान भी जातक को उठाना पड़ सकता हैं इसलिए रत्नों का उपयोग जांच परख और सोच समझ कर ही करना चाहिए। तो आज हम आपको रत्नों से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
वही ज्योतिष के मुताबिक कुछ पत्थर के पदार्थों के गुण चरित्र और विशेषताएं ऐसी होती हैं जिन्हें देखते ही रत्न कर दिया जाता हैं जैसे हीरा, माणिक्य, वैदूर्य, नीलम, पुखराज, पन्ना आदि को लोग रत्नों के नाम से जानते हैं वास्तव में यह सारे पत्थर हैं मगर बेशकीमती पत्थर। रत्न का विशेष अर्थ श्रेष्ठतत्व भी हैं इसी कारण से इसे खास मनुष्य को उनके महत्वपूर्ण कार्य के लिए रत्न शब्द से विभूषित किया जाता हैं इतना ही नहीं भाग्य परिवर्तन में भी रत्न अपना प्रभाव दिखाता हैं। पृथ्वी के अंदर लाखों सालों तक पड़े रहने के कारण उसमें पृथ्वी का चुंबक तत्व और तेजसव आ जाता हैं। वही पृथ्वी के जिस क्षेत्र में जिस ग्रह का प्रभाव अधिक होता हैं उस क्षेत्र के आसपास उस ग्रह से संबंधित रत्न अधिक मात्रा में प्राप्त होते हैं। वास्तव में पृथ्वी ग्रहों के सहयोग से अपने अंदर रत्नों का निर्माण करती हैं इसे रत्नग भी कहा जाता हैं।