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9/11 के बाद मुस्लिम सर्विलांस मामले पर सुनवाई करेगा US Supreme Court

अमेरिका की एक शीर्ष अदालत ने तीन मुस्लिम पुरुषों द्वारा संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) पर 9/11 के हमले के बाद उन पर निगरानी (सर्विलांस ) रखने का आरोप लगाते हुए दायर नागरिक अधिकारों के मुकदमे को रोकने की मांग करने वाले एक मामले की सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट निचली
9/11 के बाद मुस्लिम सर्विलांस मामले पर सुनवाई करेगा US Supreme Court

अमेरिका की एक शीर्ष अदालत ने तीन मुस्लिम पुरुषों द्वारा संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) पर 9/11 के हमले के बाद उन पर निगरानी (सर्विलांस ) रखने का आरोप लगाते हुए दायर नागरिक अधिकारों के मुकदमे को रोकने की मांग करने वाले एक मामले की सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की है।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत के 2019 के फैसले के खिलाफ एफबीआई द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करेगा।

मामले से जुड़ी जानकारी के अनुसार, 2011 के मुकदमे में एफबीआई पर दक्षिणी कैलिफोर्निया में मुख्यधारा की मस्जिदों में घुसने और सर्विलांस के लिए मुस्लिम अमेरिकियों को लक्षित करने का आरोप लगाया गया है।

मुकदमे में एजेंसी पर मुस्लिमों को लक्षित करके अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन करते हुए धार्मिक भेदभाव में लिप्त होने के साथ-साथ अनुचित खोजों और बरामदगी को लेकर चौथे संशोधन निषेध का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

मुकदमे के याचिकाकर्ताओं में मिशन वीजो में ऑरेंज काउंटी इस्लामिक फाउंडेशन के इमाम यासिर फजागा, इरविन के इस्लामिक सेंटर में भाग लेने वाले अली उद्दीन मलिक और मूल रूप से मिस्र के रहने वाले अमेरिका के स्थायी निवासी यासर अब्देल रहीम शामिल हैं।

तीन याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन द्वारा किया गया है।

मुकदमा 2006 और 2007 के बीच कम से कम 14 महीने की अवधि पर प्रकाश डालता है, जब एफबीआई 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद विरोधी जांच के हिस्से के रूप में मुसलमानों की जानकारी एकत्र कर रही थी।

याचिकाकर्ताओं के दावों के अनुसार, एफबीआई के मुखबिर क्रेग मोंटेइल ने एक मुस्लिम नाम अपनाया और कहा कि वह इस्लाम में परिवर्तित होना चाहते हैं। मोंटेइल ने फिर बातचीत रिकॉर्ड की और मुस्लिम समुदाय की निगरानी की।

याचिकाकतार्ओं का दावा है कि मोंटेइल के जासूसी खेल का पर्दाफाश तब हुआ, जब उसने हिंसक कार्रवाई करने की इच्छा के बारे में बयान देना शुरू किया और समुदाय के सदस्यों ने स्थानीय पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद एफबीआई ने उसके खिलाफ एक निरोधक आदेश प्राप्त किया।

संघीय न्यायाधीशों के निर्णयों के बाद, याचिकाकर्ताओं के विभिन्न आरोपों और दावों को खारिज कर दिया गया। हालांकि, निगरानी की वैधता से संबंधित कुछ दावे और सरकार इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कैसे करती है, इस पर अभी भी विचार किया जा रहा है।

अब, सुप्रीम कोर्ट इस बात पर विचार करेगा कि क्या दावों को सरकार के राज्य गुप्त विशेषाधिकार, एक कानूनी सिद्धांत के आधार पर खारिज किया जाना चाहिए, जब कभी-कभी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को लागू किया जाता है।

यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा कई अमेरिकी मुसलमानों से पूछताछ और जांच किए जाने की खबरें सामने आई हैं। अमेरिका में रहने वाले कई मुस्लिम अमेरिकी परिवारों ने पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की है, वहीं छिपी निगरानी की भी कई खबरें सामने आई हैं।

11 सितंबर, 2001 को वल्र्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) पर हुआ हमला अमेरिकी इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला था।

–आईएएनएस

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