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भारत से 2+2 वार्ता के लिए नई दिल्ली पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भारत के साथ तीसरी 2+2 मंत्रीस्तरीय बैठक के लिए सोमवार को नई दिल्ली पहुंच गए।यह बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में होगी जिस दौरान दोनों पक्षों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने की उम्मीद है। चीन के
भारत से 2+2 वार्ता के लिए नई दिल्ली पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भारत के साथ तीसरी 2+2 मंत्रीस्तरीय बैठक के लिए सोमवार को नई दिल्ली पहुंच गए।यह बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में होगी जिस दौरान दोनों पक्षों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने की उम्मीद है। चीन के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश के दौरान इसके मायने काफी बढ़ गए हैं।

चीन के खिलाफ जवाबी रणनीति के अलावा इस दोनों देशों में महत्वपूर्ण सैन्य समझौते भी होंगे और बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्पेशियल कोऑपरेशन (BECA) पर भी सहमति बन जाने की पूरी संभावना है।बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए फ़ॉर्मूले ‘टू प्लस टू’ के तहत ये वार्ता हो रही है, हालांकि इसका मतलब सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत से ही है।

इसी के चलते पोम्पिओ ने रविवार को ट्वीट किया, ”भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की अपनी यात्रा के लिए रवाना हो गया हूं। हिंद-प्रशांत को स्वतंत्र एवं मुक्त, मजबूत तथा समृद्ध बनाने के साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए हमारे भागीदारों के साथ जुड़ने का अवसर पाकर आभारी हूं।” पोम्पिओ के साथ रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी भारत आए हैं।

क्वाड के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री के भारत दौरे को काफी अहम माना जा रहा है और नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ होने वाली यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक होगी।

बताते चले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2017 में अपनी पहली मुलाकात के दौरान 2+2 वार्ता की घोषणा की थी।
सितंबर 2018 में नई दिल्ली में इस बैठक का पहला संस्करण आयोजित हुआ था जबकि पिछले साल दिसंबर में वॉशिंगटन में दूसरी बार वार्ता हुई थी।2+2 डायलॉग ने ओबामा प्रशासन में दोनों देशों के बीच होने वाली विदेश और वाणिज्य मंत्री स्तर बैठक की जगह ली है।
इस बैठक का फॉर्मेट जापान से निकला है जिसका मकसद दो देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और राजनीतिक बातचीत को सुविधाजनक बनाना है। इसे ‘टू प्लस टू’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दो देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली संयुक्त बैठक हैं।

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