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अमेरिकी रक्षा कंपनियां आसान एफडीआई नियमों का लाभ उठाएं : Rajnath

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अमेरिकी रक्षा कंपनियों से इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में ढील का लाभ उठाने का आह्वान किया। भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता के बाद, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य से सैन्य सहयोग से अच्छी प्रगति कर रहा है।
अमेरिकी रक्षा कंपनियां आसान एफडीआई नियमों का लाभ उठाएं : Rajnath

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अमेरिकी रक्षा कंपनियों से इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में ढील का लाभ उठाने का आह्वान किया। भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता के बाद, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य से सैन्य सहयोग से अच्छी प्रगति कर रहा है।

उन्होंने कहा, “दो दिनों की बैठक में, हमने संभावित क्षमता निर्माण और तीसरे देशों में हमारे पड़ोस और उससे परे की अन्य संयुक्त सहयोग गतिविधियों का पता लगाया।”

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति का आकलन साझा किया है।

उन्होंने कहा, “उस प्रक्रिया में, हमने इस क्षेत्र में सभी देशों की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है।”

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के बारे में, अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर ने कहा कि भारत-अमेरिका खासकर चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए एक मुक्त इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर भारत-अमेरिका साझेदारी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

आगामी नौसेना अभ्यास के बारे में, राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों ने आगामी मालाबार अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने का स्वागत किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के साथ बेका (बीईसीए) पर हस्ताक्षर को एक ‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’ बताया और कहा कि इससे सूचना साझाकरण में नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका के साथ आगे के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं।

अमेरिका और भारत की टू प्लस टू वार्ता ऐसे समय पर हुई है, जब पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत एवं चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं और दोनों देशों के बीच 1962 के बाद सबसे गंभीर सैन्य तनाव व्याप्त है। इसी वजह से यह वार्ता काफी अहम मानी जा रही है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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