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आनलाइन परीक्षा से पहले University करें स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन: यूजीसी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में विश्वविद्यालय आनलाइन परीक्षाओं का निर्णय लेने से पहले स्थानीय परिस्थितियों का ध्यान रखें। यूजीसी के मुताबिक ऑनलाइन परीक्षाएं कराने से पहले राज्य व केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कोविड गाइडलाइंस का ध्यान रखा जाए। साथ ही इस दौरान छात्रों व शिक्षकों
आनलाइन परीक्षा से पहले University  करें स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन: यूजीसी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में विश्वविद्यालय आनलाइन परीक्षाओं का निर्णय लेने से पहले स्थानीय परिस्थितियों का ध्यान रखें। यूजीसी के मुताबिक ऑनलाइन परीक्षाएं कराने से पहले राज्य व केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कोविड गाइडलाइंस का ध्यान रखा जाए। साथ ही इस दौरान छात्रों व शिक्षकों की सुरक्षा को भी महत्व दिया जाए। यूजीसी ने देश भर के विश्वविद्यालयों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और अपने परिसरों को सुरक्षित रखने आग्रह किया है। यूजीसी ने कहा है कि विश्वविद्यालय छात्रों और स्टाफ को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करें।

यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह ने इस विषय पर देशभर के विश्वविद्यालयों को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय कोरोनोवायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट रहे और अपने कैंपस को सुरक्षित बनाएं।

सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों और कॉलेजों के प्रधानाध्यापकों को लिखे अपने पत्र में यूजीसी के चेयरमैन ने कहा है कि इस संकट को दूर करने के लिए, उच्च शिक्षा संस्थान छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के संपर्क में रहें। इन सभी लोगों के शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने की आवश्यकता है।

उधर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन को पत्र लिखा है। डूटा ने कहा कि ” हम टर्मिनल सेमेस्टर वर्ष के छात्रों के बारे में यूजीसी से अपने निर्णय की समीक्षा करने का अनुरोध करते हैं। हम अनुरोध करते हैं कि पिछले वर्ष की तरह, एमफिल, पीएचडी सबमिशन के लिए समय सीमा में विस्तार किया जाए। ”

डूटा के मुताबिक ” डीयू में जिन शिक्षकों की मृत्यु हुई है उनके परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए। साथ ही डीयू में शिक्षकों की मौत को लेकर जो स्थितियां हैं उसके बारे में भी यूजीसी को अवगत कराया है।”

डूटा अध्यक्ष राजीब रे कहा है कि सेवानिवृत्त चुके शिक्षकों की पेंशन व ग्रेच्युटी भी तत्काल दी जाए। अनुबंध पर कार्य कर रहे शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए भी महामारी के दौरान अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाए।

–आईएएनएस

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