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पुदीने का उपयोग आयुर्वेद से रसोई होता आया है

प्राकृतिक उपचार के नाम पर पुदीन हरा बाजार में उतार चुके हैं। गले में खराश हो या खांसी उसमें भी पुदीना लाभदायक माना जाता है। पुदीना अकसर रसोई में स्वाद बढा देता है। इसे कई तरिके से इस्तेमाल किया जाता है।
पुदीने का उपयोग आयुर्वेद से रसोई होता आया है

जयपुर। मानव अपना खानपान तैयार करने पहले उन खाद्य पदार्थो पर जरूर ध्यान देता जो उसे हर तरह से ललचाती हो। हम एक ऐसे मसाले की बात कर रहे है जिसे सब्जी, चटनी, दवाई व अन्य कई मामलों में जिसका प्रयोग किया जाता है। इस मसाले का नाम है पुदीना। आईए जानते इसके गुण –

पुदीने का उपयोग आयुर्वेद से रसोई होता आया हैबता दें कि पुदीने की सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इसकी दीवानी है। खाद्य व पेय पदार्थो का स्वाद बढ़ाने के साथ ही आयुर्वेद की किताबों तक पुदीने की खुशबू ताजगी से भर देती है। पुदीने के हरे पत्ते हमें तब याद आते हैं जब हरी चटनी बनाते वक्त वे नजर ना आ रहे हों और हमें अपना काम धनिया और हरी मिर्च से ही चलाना पड़ रहा हो।

पुदीने का उपयोग आयुर्वेद से रसोई होता आया है

आपको बता दें कि अमेरिका के दक्षिणी प्रांतों में जहां गर्मी ज्यादा पड़ती है, वहां मिंट जुलैप नामक कॉकटेल बनाया जाता है। कद्दकस की गई बर्फ के ऊपर स्थानीय बॉरबोन व्हिस्की उड़ेलकर उसमें पुदीने का सत्व डालकर यह हरा-भरा ताप निवारक संकटमोचक पेय बनाया जाता है।

पुदीने का उपयोग आयुर्वेद से रसोई होता आया है

बता दें कि अवध के खाने में पुदीने के ताजे या सूखे पत्तों का इस्तेमाल खुले हाथ से किया जाता रहा है।पुदीना जिसे अंग्रेजी में मिंट कहते हैं मैथा नामक पौधे से प्राप्त होता है जिसकी अनेक प्रजातियां हमारी देश में पाई जाती है। ऐसा नहीं कि लोगों को पुदीने के स्वाद और सुगंध का पता नहीं है।

पुदीने का उपयोग आयुर्वेद से रसोई होता आया है

बता दें कि खांसी की मीठी गोलियों में पुदीने का तेल अनिवार्यत: रहता है। स्वाद को सुवासित बनाने के लिए कई लोग च्युइंगम खाए जाते हैं जिसके असर की बुनियाद स्पियरमिंट नामक जंगली पुदीने पर ही टिकी रहती है। आयुर्वेद के अनुसार, पुदीना पाचक और वमन निरोधक गुणों वाला होता है इसीलिए वैद्य हल्के पेट दर्द या अपच के उपचार के लिए पुदीन हरा नामक औषधी देते रहे हैं।

पुदीने का उपयोग आयुर्वेद से रसोई होता आया है

प्राकृतिक उपचार के नाम पर पुदीन हरा बाजार में उतार चुके हैं। गले में खराश हो या खांसी उसमें भी पुदीना लाभदायक माना जाता है। पुदीना अकसर रसोई में स्वाद बढा देता है। इसे कई तरिके से इस्तेमाल किया जाता है। पुदीने का उपयोग आयुर्वेद से रसोई होता आया है

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