Samachar Nama
×

जब भी करें खर्चे की बात तो पहले करें बजट प्लान नही होगा फिजूल खर्चा

दोनों पार्टनर मिलकर इसे विस्तृत ढंग से लिखित रूप में बजट बनाएं। मात्र योजना आम तौर पर हवा-हवाई साबित होती है और आपका खर्च आसमान छु जाता है । अगर आपको पता है कि कितना पैसा घर में आता है और खर्च एवं निवेश के बाद कितना बचता है, तो अनाप-शनाप खर्चों को रोकना काफी आसान हो जाएगा ।
जब भी करें खर्चे की बात तो पहले करें बजट प्लान नही होगा फिजूल खर्चा

जयपुर । ज्यादातर जोड़ों में देखा जाता है की दोनों ही बहुत ख़र्चीले किस्म के होते हैं पर अक्सर दोनों एक दूसरे पर दल देते हैं की वह ज्यादा खर्चा करते हैं  जिसके कारण उनको सेविंग्स करने में काफी परेशानी का अनुभव भी करना पड़ता है । कहरचा जबकि दोनों मिल कर करते हैं पर कोई भी इस बात को मानने को तैयार नही रहता है । जब भी पैसे की जरूरत पड़ती है तो वह झगड़ा कर बैठे हैं । जबकि यह बहुत ही गलत बात है ।जब भी करें खर्चे की बात तो पहले करें बजट प्लान नही होगा फिजूल खर्चा

आज हम आपको इसी परेशानी से निकालने का बहुत ही आसान सा उपाय बताने जा रहे हैं जो आपकी फिजूल खर्ची  की आदत को रोकेगा और आपको और आपके रिश्ते को भी संभाल कर रखे गा । आज जो तरीके हम आपको बताने जा रहे हैं उनको हर जोड़े को जरूर एक बार अपनाना चाहिए । आइए जानते हैं क्या है वो ?जब भी करें खर्चे की बात तो पहले करें बजट प्लान नही होगा फिजूल खर्चा

दोनों पार्टनर मिलकर इसे विस्तृत ढंग से लिखित रूप में बजट बनाएं।  मात्र योजना आम तौर पर हवा-हवाई साबित होती है और आपका खर्च आसमान छु जाता है । अगर आपको पता है कि कितना पैसा घर में आता है और खर्च एवं निवेश के बाद कितना बचता है, तो अनाप-शनाप खर्चों को रोकना काफी आसान हो जाएगा ।जब भी करें खर्चे की बात तो पहले करें बजट प्लान नही होगा फिजूल खर्चा

यह सलाह थोड़ी घिसी-पिटी लग सकती है, लेकिन एक लिस्ट बनाकर और क्रेडिट कार्ड को घर पर छोड़कर शॉपिंग करने जाने से काफी मदद मिलती है। इसके अलावा, पार्टनर को ऑनलाइन शॉपिंग भी कम करने की सलाह दे सकते हैं । दोनों इस दौरान एक दूसरे को जरूर समझने की कोशिश करें ।जब भी करें खर्चे की बात तो पहले करें बजट प्लान नही होगा फिजूल खर्चा

आप फिर भी खर्चा नही रोक पाते हैं तो फाइनैंशल प्लानर की मदद लेने में ही भलाई है। वे खर्चों को बेहतर तरीके से मैनेज करने का तरीका आपको  बताएंगे। अगर आपको खर्च केवल घबराहट या आत्मविश्वास की कमी के चलते हो रहा है, तो मनोवैज्ञानिक की सलाह लेना बेहतर विकल्प होगा ।

दोनों पार्टनर मिलकर इसे विस्तृत ढंग से लिखित रूप में बजट बनाएं।  मात्र योजना आम तौर पर हवा-हवाई साबित होती है और आपका खर्च आसमान छु जाता है । अगर आपको पता है कि कितना पैसा घर में आता है और खर्च एवं निवेश के बाद कितना बचता है, तो अनाप-शनाप खर्चों को रोकना काफी आसान हो जाएगा । जब भी करें खर्चे की बात तो पहले करें बजट प्लान नही होगा फिजूल खर्चा

Share this story