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CoronaVirus:दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिको ने कहा,वायरस के चीन की लैब में से फैलने के तथ्य को नकार नहीं सकते

कोरोना वायरस को दुनिया में फैले हुए दो साल हो चुके है। लगभग हर देश इस वायरस से प्रभावित हुआ। और कई छोटे मोटे देश तो इसके प्रकोप के सामने धराशायी हो गए। इस बीच इस बात का पता अब तक भी नहीं लग आया है की इस वायरस की आखिर उत्पत्ति हुई कैसे। क्या
CoronaVirus:दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिको ने कहा,वायरस के चीन की लैब में से फैलने के तथ्य को नकार नहीं सकते

कोरोना वायरस को दुनिया में फैले हुए दो साल हो चुके है। लगभग हर देश इस वायरस से प्रभावित हुआ। और कई छोटे मोटे देश तो इसके प्रकोप के सामने धराशायी हो गए। इस बीच इस बात का पता अब तक भी नहीं लग आया है की इस वायरस की आखिर उत्पत्ति हुई कैसे। क्या ये वास्तव में चमकादड़ो से फैला था या फिर चीन के लैब से फैलने वाली बात को दबाने के लिए ऐसी भ्रान्ति फैलाई गयी।CoronaVirus:दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिको ने कहा,वायरस के चीन की लैब में से फैलने के तथ्य को नकार नहीं सकते

बहरहाल दुनियाभर के वैज्ञानिको के एक समूह ने कहा है की चीन के लैब में से निकले इस वायरस की थ्योरी को तब तक नहीं नकारना चाहिए जब तक की ये पूरी तरह से गलतना साबित हो जाए। इस बात में दम भी है,क्यूंकि WHO भी इस तथ्य पर कई बार खामोश दिखाई देता है, वहीँ हाल ही में ऑस्ट्रेलिया द्वारा एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया था की इस वायरस पर चीन में साल 2015 से काम किया जा रहा था और तीसरे विश्व युद्ध को चीन कुछ इस तरह से लड़ना चाहता था।China opens first Coronavirus hospital in record 10 days as death toll ...

चीन के वुहान से दुनियाभर में फैले कोरोना ने आधिकारिक तौर अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला दिया है, वहीँ 16.25 करोड़ से ज्यादा लोग इसकी जद में आ चुके हैं। इस वायरस को लेकर टिप्पणी करने वाले टॉप साइंटिस्ट की इस टीम में कुल 18 लोग शामिल हैं, और इन्होने  वायरस को लेकर कुछ जरुरी जानकारियां साझा की हैं।Important information: Coronavirus China - Kedge Business School

इस टीम में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट रवींद्र गुप्ता, फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर में इवॉल्यूशन ऑफ वायरस की स्टडी करने वाली जेसी ब्लूम भी शामिल हैं। उनकी माने तो इस महामारी उत्पत्ति को लेकर किसी भी अंतिम नतीजे पर पहुँचने से पहले और अधिक जांच की जरुरत है। चीन के वुहान से दुनियाभर में फैले कोरोना ने आधिकारिक तौर अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला दिया है, वहीँ 16.25 करोड़ से ज्यादा लोग इसकी जद में आ चुके हैं। इस वायरस को लेकर टिप्पणी करने वाले टॉप साइंटिस्ट की इस टीम में कुल 18 लोग शामिल हैं, और इन्होने  वायरस को लेकर कुछ जरुरी जानकारियां साझा की हैं।CoronaVirus:दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिको ने कहा,वायरस के चीन की लैब में से फैलने के तथ्य को नकार नहीं सकते

इस टीम में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट रवींद्र गुप्ता, फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर में इवॉल्यूशन ऑफ वायरस की स्टडी करने वाली जेसी ब्लूम भी शामिल हैं। उनकी माने तो इस महामारी उत्पत्ति को लेकर किसी भी अंतिम नतीजे पर पहुँचने से पहले और अधिक जांच की जरुरत है।China spent the crucial first days of the Wuhan coronavirus outbreak ...

स्टैनफोर्ड में माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर डेविड रेलमैन सहित वैज्ञानिकों ने साइंस जर्नल में बताया की वायरस के किसी लैब और जेनेटिक स्पिलओवर दोनों से अचानक बाहर निकलने की थ्योरी से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि WHO ने वायरस के उत्पत्ति कोलेकर हुई जांच में इस तथ्य पर उचित तरीके से ध्यान नहीं दिया।

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