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चेन्नइयन के लिए अब एएफसी कप की ओर देखने का वक्त

हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पांचवें सीजन में मौजूदा चैम्पियन चेन्नइयन एफसी का सफर असमय ही समाप्त हो गया है। बेंगलुरू एफसी को उसी के घर में हराकर दूसरी बार आईएसएल खिताब जीतने वाली इस टीम के लिए पांचवें सीजन की निराशा को भुलाकर अब आगे देखने का वक्त है। चेन्नई को मुम्बई सिटी
चेन्नइयन के लिए अब एएफसी कप की ओर देखने का वक्त

हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पांचवें सीजन में मौजूदा चैम्पियन चेन्नइयन एफसी का सफर असमय ही समाप्त हो गया है। बेंगलुरू एफसी को उसी के घर में हराकर दूसरी बार आईएसएल खिताब जीतने वाली इस टीम के लिए पांचवें सीजन की निराशा को भुलाकर अब आगे देखने का वक्त है। चेन्नई को मुम्बई सिटी एफसी ने अपने घर में 2-0 से हराते हुए आईएसएल के पांचवें सीजन से लगभग बाहर का रास्ता दिखा दिया। टीम को 11 मैचों में आठवीं हार का सामना करना पड़ा है और अब उसके लिए प्लेऑफ में जगह बनाना नामुमकिन हो गया है।

चेन्नई के पांच अंक हैं और चमत्कार करते हुए अगर यह अपने बाकी के सात मैच जीत भी जाती है तो उसके कुल 26 अंक होंगे। बीते सीजन में ग्रुप चरण में चौथे स्थान पर रही टीम ने 30 अंकों के साथ प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया था और इस लिहाज से चेन्नई के लिए इस सीजन में उम्मीदें नहीं बची हैं।

चेन्नई के कोच जॉन ग्रेगोरी ने कहा, “मैं क्लब से जुड़े सभी लोगों से काफी निराश हूं। मैं दबाव से अधिक आहत और निराश हूं। मुझे यह बात काफी आहत करती है। इस साल सितम्बर से पहले के 12 महीने, मेरे लिए शानदार रहे थे लेकिन अब सबकुछ बदल गया है। काम के साथ ऐसा होता है।”

टीम ने इस सीजन में खराब प्रदर्शन किया है और बीते साल खिताब जीतने वाली टीम की परछाई भी नजर नहीं आ रही है। इस साल इस टीम ने 21 गोल खाए हैं और यह इसके स्टार खिलाड़ियों के खराब फार्म का प्रतीक है। इन स्टार खिलाड़ियों में जेजे लालपेखलुवा ने सबसे अधिक निराश किया है।

टीम ने बीते साल आईएसएल खिताब जीतते हुए एशिया के कांटिनेंटल क्लब इवेंट-एएफसी कप में खेलने का अधिकार हासिल किया था और अब इस प्रतियोगिता में अच्छा करने की उम्मीद और प्रेरणा के साथ यह टीम अपने बाकी के मैच जीतकर अपना मनोबल ऊंचा करना चाहेगी।

ग्रेगोरी ने कहा, “अगर आईएसएल से ध्यान हटेगा तो हमारा ध्यान एएफसी कप पर होगा। वैसे हम एक चमत्कार का पीछा कर रहे हैं और हमारी कोशिश जारी रहेगी। हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है।”

ऐसे में जबकि चेन्नई की टीम का अब तक का सफर बेहद निराशाजनक रहा है, यह अंदाजा लगाना आसान है कि इस टीम का मनोबल किस निचले स्तर पर पहुंच गया है और इस स्थिति में उसके लिए लगातार सात मैच जीतकर अपने लिए प्लेऑफ की उम्मीद बनाना लगभग नामुमकिन लग रहा है।

अब से लेकर अगले साल तक, जब एएफसी कप शुरू होगा ग्रेगोरी के पास आईएसएल के विंटर ब्रेक और जनवरी के ट्रांसफर विंडो के रूप में अपनी चीजों को सही करने का अच्छा खासा समय होगा। वैसे भी इस सीजन में अभी चेन्नई को काफी मैच खेलने हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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