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जीवन में अधिक सम्मान नहीं पाते हैं ऐसे लोग

मध्यमा अंगुली के नीचे शनि पर्वत का स्थान हैं, तो यह पर्व बहुत ही भाग्यशाली मनुष्यों के ही हाथों में विकसित अवस्था में देखा जाता हैं। शनि की शक्ति का अनुमान मध्यमा की लम्बाई और गठन में देखकर ही लगाया जा सकता हैं। गुरु और सूर्य की अंगुलियां उसकी ओर झुक रही हैं तो ऐसे मनुष्य के स्वभाव और चरित्र में शनि ग्रहों के गुणों की प्रधानता होगी। पर्वत के अभाव होने से व्यक्ति अपने जीवन में ज्यादा सफलता और सम्मान नहीं प्राप्त कर पाता हैं।
जीवन में अधिक सम्मान नहीं पाते हैं ऐसे लोग

हर मनुष्य के जीवन में ज्योतिषशास्त्र और हस्तरेखा शास्त्र का विशेष महत्व होता हैं,ऐसा भी कहा जाता हैं, कि हाथों की रेखा देख कर व्यक्ति के भविष्य के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता हैं। वही आज हम आपको हस्त रेखा से जुड़ी कुछ विशेष बातों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं, कि वो कौन सी बाते हैं।जीवन में अधिक सम्मान नहीं पाते हैं ऐसे लोग

वही ऐसे में मध्यमा अंगुली के नीचे शनि पर्वत का स्थान हैं, तो यह पर्व बहुत ही भाग्यशाली मनुष्यों के ही हाथों में विकसित अवस्था में देखा जाता हैं। वही अगर शनि की शक्ति का अनुमान मध्यमा की लम्बाई और गठन में देखकर ही लगाया जा सकता हैं।जीवन में अधिक सम्मान नहीं पाते हैं ऐसे लोग वही अगर वह लम्बी और सीधी हैं गुरु और सूर्य की अंगुलियां उसकी ओर झुक रही हैं तो ऐसे मनुष्य के स्वभाव और चरित्र में शनि ग्रहों के गुणों की प्रधानता होगी। वही ज्योतिष के मुताबिक ऐसे मनुष्य बुद्धिमता, गंभीरता, सहनशीलता, विनम्रता, अनसंधान, अंतर्मुखी और अकेलापन जैसे लक्षण पाए जाते हैं। वही शनि के दुर्गुणों की सूची भी छोटी नहीं हैं।जीवन में अधिक सम्मान नहीं पाते हैं ऐसे लोग

वही अज्ञान, अंधविश्वास और इसमें सम्मिलित होते हैं। अत शनि ग्रह से प्रभावित मनुष्य के शारीरिक गठन को बहुत ही आसानी से जाना जा सकता हैं। ऐसे व्यक्ति का कद में असामान्य रूप में लम्बे होते हैं उनका शरीर सुसंगठित मगर सिर पर बाल कम होते हें वही लम्बे चेहरे पर अविश्वास और संदेह से भरी उनकी गहरी और छोटी आंखें हमेशा ही उदास रहती हैं। जीवन में अधिक सम्मान नहीं पाते हैं ऐसे लोगवही उत्तेजना, क्रोध और घृणा को वह छिपा नहीं पाते हैं। इस पर्वत के अभाव होने से व्यक्ति अपने जीवन में ज्यादा सफलता और सम्मान नहीं प्राप्त कर पाता हैं। वही मध्यमा अंगुली भाग्य की देवी मानी जाती हैं। वही भाग्यरेखा की समाप्ति प्राय इसी अंगुली की मूल में होती हैं। जीवन में अधिक सम्मान नहीं पाते हैं ऐसे लोग

मध्यमा अंगुली के नीचे शनि पर्वत का स्थान हैं, तो यह पर्व बहुत ही भाग्यशाली मनुष्यों के ही हाथों में विकसित अवस्था में देखा जाता हैं। शनि की शक्ति का अनुमान मध्यमा की लम्बाई और गठन में देखकर ही लगाया जा सकता हैं। गुरु और सूर्य की अंगुलियां उसकी ओर झुक रही हैं तो ऐसे मनुष्य के स्वभाव और चरित्र में शनि ग्रहों के गुणों की प्रधानता होगी। पर्वत के अभाव होने से व्यक्ति अपने जीवन में ज्यादा सफलता और सम्मान नहीं प्राप्त कर पाता हैं। जीवन में अधिक सम्मान नहीं पाते हैं ऐसे लोग

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