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लाल ग्रह पर खोजा दो अरब वर्षो से दधक रहा यह ज्वालामुखी

जयपुर। वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर बहुत ही खोज की है इसी खोज के साथ एक खोज की है। जैसा की हम जानते है कि इंसान की रूचि मंगल को लेकर काफी ज्यादा बढ़ने लग गई है। तभी तो इस लाल ग्रह पर अपना झंडा फहराने की कई देशों में होड़ मे लगे है। इसी
लाल ग्रह पर खोजा दो अरब वर्षो से दधक रहा यह ज्वालामुखी

जयपुर। वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर बहुत ही खोज की है इसी खोज के साथ एक खोज की है। जैसा की हम जानते है कि इंसान की रूचि मंगल को लेकर काफी ज्यादा बढ़ने लग गई है। तभी तो इस लाल ग्रह पर अपना झंडा फहराने की कई देशों में होड़ मे लगे है। इसी दौड़ में वैज्ञानिकों ने हाल ही में मंगल पर एक ऐसे ज्वालामुखी की खोज की है जो पिछले 2 अरब साल से लगातार सक्रिय है। इस ज्वालामुखी  को देखकर हर किसी में दंगल मचा रहे इस भयानक ज्वालामुखी का नाम है ओलंपस मून।लाल ग्रह पर खोजा दो अरब वर्षो से दधक रहा यह ज्वालामुखी

आपको बता दे कि मंगल ग्रह का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी है और इस ज्वालमुखी की ऊंचाई 27.3 किलोमीटर आंकी गई है। बता दे कि पृथ्वी का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी अमेरिका के हवाई द्वीप में मौजूद है जिसकी मौना नामक इस ज्वालमुखी की कुल ऊंचाई 10 किलोमीटर है और ओलंपस मून इससे भी तीन गुना ज्यादा ऊंचा है तो आप इस बात का अंदजा लगा सकते है कि कितना खतरनाक होगा। इसका निरिक्षण करने ज्ञात हुआ है कि ओलंपस मून के दो अरब सालों से सक्रिय है और इसी के साथ बताया गया है कि ये मंगल ग्रह के एक उल्कापिंड से लगाया है।लाल ग्रह पर खोजा दो अरब वर्षो से दधक रहा यह ज्वालामुखी

आपको बता दे कि नॉर्थ वेस्ट अफ्रीका 7635 नामक यह उल्का पिंड 2012 में अल्जीरिया में गिरा था। जानकारी दे दे कि मंगल से गिरे ज्यादातर उल्कापिंड धरती पर अंटार्कटिका और उत्तर अफ्रीका गिरे हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि ब्रह्मांड पर और भी काफी पुराने इस तरह के सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद हो सकते हैं जिनको खोजना बाकी है। बता दे कि जिसने मंगल पर ये ज्वालामुखी खोज है वो अमेरिका के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता है।लाल ग्रह पर खोजा दो अरब वर्षो से दधक रहा यह ज्वालामुखी

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