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बुरी यादों को दिमाग से हटाने में आयेगी ये तकनीक काम

जयपुर। किसी इंसान के लिए अपने दिमाग से बुरी यादों को निकालना बहुत मुश्किल काम है इन बुरी यादों के कारण से इंसान बहुत ही ज्यादा तनाव और अवसाद में आ जाता है। इससे उसका दिमागी संतुलन ठीक नही रहता है। लेकिन मेडिकल की बढ़ती तकनीक ने इसका इलाज खोज लिया जिससे इंसान को इन
बुरी यादों को दिमाग से हटाने में आयेगी ये तकनीक काम

जयपुर। किसी इंसान के लिए अपने दिमाग से बुरी यादों को निकालना बहुत मुश्किल काम है इन बुरी यादों के कारण से इंसान बहुत ही ज्यादा तनाव और अवसाद में आ जाता है। इससे उसका दिमागी संतुलन ठीक नही रहता है। लेकिन मेडिकल की बढ़ती तकनीक ने इसका इलाज खोज लिया जिससे इंसान को इन बुरी चीज़ों से मुक्ति दिलाई जा सकती है। इससे हर परिस्थिति में खुश रहा जा सकता है।बुरी यादों को दिमाग से हटाने में आयेगी ये तकनीक काम

इस विषय पर एक फिल्म है, एटरनल सनशाइन ऑफ दी स्पॉटलेस माइंड, इसमें दिखाया गया है कि कैसे तकनीक के माध्यम से दिमाग से नकारात्मक और बुरी यादों को मिटाया जा सकता है। इसी को हकीक़त में बदलने के लिए हाल ही में मैक्गिल यूनिवर्सिटी तथा कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के न्यूरोसाइंटिस्टों ने मिलकर एक ऐसा शोध किया है इसमें इन्होंने समुद्री जीव के दिमाग की बुरी यादों को सफलतापूर्वक मिटाया है। आपको बता दे कि शोधकर्ताओं ने दिमाग में उपस्थित प्रोटीन की मात्रा के साथ कुछ बदलाव किये थे।बुरी यादों को दिमाग से हटाने में आयेगी ये तकनीक काम

प्रोटीन यादों को सहेजने में सहायक होता है और इस प्रोटीन को किनाज एम कहते है। दिमाग में ये और कई प्रोटीन किब्रा के साथ मिलकर यादों को सुरक्षित रखता है जिसमें बुरी यादें भी शामिल होती है। वैज्ञानिकों ने दोनों प्रोटीन की मात्रा में बदलाव करके दिमाग से बुरी यादों को मिटाया हैं। खास बता तो ये है कि इस प्रक्रिया में दिमाग की अन्य कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है और इस प्रक्रिया के बाद न्यूरोंस अपनी प्रारंभिक अवस्था में लौट जाती हैं। वैज्ञानिक कहते है कि इस तकनीक के द्वारा ट्रोमा या अन्य मानसिक रोगों से ग्रस्त लोगों के इलाज में सहायता मिलेगी।बुरी यादों को दिमाग से हटाने में आयेगी ये तकनीक काम

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