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हाथ धोने पर भी कोकीन लेने वाले लोगों को फिंगरप्रिंट से सकती है यह तकनीक

जयपुर। तकनीक के जरीयें वैज्ञानिकों ने बेहद तेज और उच्च संवेदनशील फिंगरप्रिंट विकसित कर लिये है। इसकी मदद से कुछ ही सेंकेंड के भीतर फिंगरप्रिंट का पता लगाया जा सकता है यह खासकर उन लोगों के लिए है जो कोकीन का इस्तेमाल करते है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के कई अनुसंधानकर्ताओं ने मिलकर यह तकनीक
हाथ धोने पर भी कोकीन लेने वाले लोगों को फिंगरप्रिंट से सकती है यह तकनीक

जयपुर। तकनीक के जरीयें वैज्ञानिकों ने बेहद तेज और उच्च संवेदनशील फिंगरप्रिंट विकसित कर लिये है। इसकी मदद से  कुछ ही सेंकेंड के भीतर फिंगरप्रिंट का पता लगाया जा सकता है  यह खासकर उन लोगों के लिए है जो कोकीन का इस्तेमाल करते है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के कई अनुसंधानकर्ताओं ने मिलकर यह तकनीक बालाई है। जो कोकीन के नमूने लेकर  ये बता सकती है कि  इसे इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति कौन है। उस शख्स के फिंगरप्रिंट कि सहायता से सारी जानकारी बता सकती है।हाथ धोने पर भी कोकीन लेने वाले लोगों को फिंगरप्रिंट से सकती है यह तकनीक

और इस तकनीक की खास बात ये भी है कि हाथ धो लेने के बाद भी यह कोकीन की पहचान कर सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ सरे की शोधाकर्ताओँ ने बताया है कि हमारे परीणाम यह दिखाते हैं कि मरीजों में कोकीन के इस्तेमाल का पता लगाने में यह तकनीक 99  प्रतिशत प्रभावी है। और बताया कि हमने तकनीक के तहत फिंगरप्रिंट नमूने लेने के लिये क्रोमैटोग्रफी पेपर का इस्तेमाल किया। यह पेपर स्प्रे मास स्पेक्ट्रोमेटरी का एक हिस्सा है तो हमने मादक पदार्थ पुनर्वास केंद्रों में उपचार कराने वाले मरीजों के समूह के साथ मादक पदार्थ इस्तेमाल करने वाले लोगों के एक बड़े समूह का फिंगरप्रिंट लिया था।हाथ धोने पर भी कोकीन लेने वाले लोगों को फिंगरप्रिंट से सकती है यह तकनीक

लोगों ने हाथ धो लिया था और फिर क्रोमैटोग्राफी पेपर पर नमूना एकत्रित कर लिया गया था। तो इससे मालुम होता है कोकीन इस्तेमाल वाला बच  नहीं सकता है। और इस अध्ययन को गहराई से जानने के लिए क्लिनिकल केमिस्टरी पत्रिका में प्रकाशित हुये शोध को आप अच्छे से पढ़ सकते है।हाथ धोने पर भी कोकीन लेने वाले लोगों को फिंगरप्रिंट से सकती है यह तकनीक

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