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मकड़ी की ये प्रजाति रहती है पानी के अंदर

जयपुर। वैज्ञानिक हमेशा प्रकृति को जानने के लिए कई तरह की खोजे करते रहते हैं। इससे उनकों कई तरह के अद्भुत जीव देखने को मिलते हैं। इसी तरह से वैज्ञानिकों ने मकड़ी की एक नई प्रजाति की पहचान की है। आपको बता दे कि ये पूरी तरह से पानी में रहने में सक्षम है। जानकारी
मकड़ी की ये प्रजाति रहती है पानी के अंदर

जयपुर। वैज्ञानिक हमेशा प्रकृति को जानने के लिए कई तरह की खोजे करते रहते हैं। इससे उनकों कई तरह के अद्भुत जीव देखने को मिलते हैं। इसी तरह से वैज्ञानिकों ने मकड़ी की एक नई प्रजाति की पहचान की है। आपको बता दे कि ये पूरी तरह से पानी में रहने में सक्षम है। जानकारी दे दे कि इसका नाम जमैका के महान गायक बॉब मार्ले के नाम पर रखा गया है। वैज्ञानिकों को वर्ष 2009 में क्वींसलैंड (ऑस्ट्रेलिया) के समुद्री तट पर मकड़ियों की एक बड़ी आबादी का पता चला था। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड म्यूजियम और जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ हैमबर्ग केमकड़ी की ये प्रजाति रहती है पानी के अंदर शोधकर्ताओं ने इन मकड़ियों पर शोध किया हैं। बता दे कि अभी तक मकड़ियों की जितनी भी प्रजातियों के बारे में ज्ञात हुआ है  उनमें से सबसे अलग ये मकड़ी की प्रजाति है जो कि यह पूरी तरह से पानी के अंदर जीवित रहती है। इसका अध्ययन करने के बाद पता चला है कि जब उच्च ज्वार आता है तो साँस लेने के दौरान यह मकड़ी सिल्क से हवा का एक कक्ष बना लेती है,मकड़ी की ये प्रजाति रहती है पानी के अंदर

और फिर खुद को सुरक्षित करती है और जब समुद्र का पानी उतरता है तो ये कक्ष से बाहर आ जाती है इतनी अनोखि कलाकारी  वाकई में कुदरत की अद्भुतता से वाकिफ कराती है।वैज्ञानिकों ने इसके बारे में बताया कि इस प्रजाति की मादा मकड़ी की लंबाई नौ मिलीमीटर तक हो सकती है, और पुरुष मकड़ी की लंबाई अधिकतम छह मिलीमीटर तक होती है। जानकारी दे  दे कि यह मकड़ी मुख्यतया लाल व भूरे रंग में पाई जाती है। मकड़ी की इस प्रजाति को डेस बॉबमार्लेइ वैज्ञानिक नाम दिया गया है।

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