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भारतीय युवा ने बनाया एक ऐसा उपकरण, जिससे बिना आवाज़ के बातचीत हो पाएगी

जयपुर। ऐसा अक्सर आपके साथ भी हुआ होगा जब आप फिल्म देखने पिक्चर हॉल में गये हो और वहां पर दो लोगों की आपसी खुसर फुसर से परेशान हुए हो। लेकिन अब जल्द ही वह तकनीक आने वाली है जिससे आप पास बैठे किसी भी दूसरे बंदे को परेशान किए बिना आपस में बातचीत करने
भारतीय युवा ने बनाया एक ऐसा उपकरण, जिससे बिना आवाज़ के बातचीत हो पाएगी

जयपुर। ऐसा अक्सर आपके साथ भी हुआ होगा जब आप फिल्म देखने पिक्चर हॉल में गये हो और वहां पर दो लोगों की आपसी खुसर फुसर से परेशान हुए हो। लेकिन अब जल्द ही वह तकनीक आने वाली है जिससे आप पास बैठे किसी भी दूसरे बंदे को परेशान किए बिना आपस में बातचीत करने का मजा ले पाएंगे। जी हां, दोस्तों यह खास तकनीक एक भारतीय युवक ने बना ली है।भारतीय युवा ने बनाया एक ऐसा उपकरण, जिससे बिना आवाज़ के बातचीत हो पाएगी

हम आपको बता दे कि दुनिया के नंबर एक शैक्षणिक संस्थान मैसाच्युएट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) के एक भारतीय मूल के शोधकर्ता ने एक ऐसा उपकरण बना लिया है, जिसकी मदद से बिना ध्वनि के भी बातचीत की जा सकेगी। जी हां, इस तरह की तकनीक में बिना आपकी आवाज के अन्य व्यक्ति उन शब्दों को सुन सकेंगे जो उस वक्त आपके दिमाग में चल रहे होंगे।भारतीय युवा ने बनाया एक ऐसा उपकरण, जिससे बिना आवाज़ के बातचीत हो पाएगी

हम आपको बता दे कि अरनव कपूर नामक एक भारतीय मूल के युवक ने यह डिवाइस बनाई है। इस उपकरण का नाम अल्टरइगो (AlterEgo) रखा गया है। यह एक खास तरह का हेडसेट है जो दिमाग की तरंगो से संचालित होता है। MIT मीडिया लैब ने इसका परीक्षण किया है। हम आपको बता दे कि डरने की कोई बात नहीं है। यह उपकरण आपका दिमाग नहीं पढ़ सकती है। साथ ही इससे आपके दिमाग पर कोई बुरा असर भी नहीं पड़ता है।भारतीय युवा ने बनाया एक ऐसा उपकरण, जिससे बिना आवाज़ के बातचीत हो पाएगी

हम आपको बता दे कि यह उपकरण सब्वोकैलिसेशन्स नामक तकनीक पर आधारित है। आपको बता दे कि यह तकनीक शब्दों को बोलते समय जबड़े में होने वाले बहुत ही छोटे और अदृश्य मूवमेंट पर आधारित है। इन्हें ही हम सब्वोकैलिसेशन्स कहते हैं। जब भी इंसान कुछ बोलता है तो उसी समय सके चेहरे के निचले हिस्से और गर्दन की तरफ त्वचा में कुछ खास तरह के इलेक्ट्रिक संवेग उत्पन्न होते हैं। यह हेडसेट उन्हीं संवेगों को पढ़ता है। साथ ही यह पहना भी ठीक उसी तरह जाता है ताकि कान और जबड़े के ऊपर फिट बैठ जाए।

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