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90 के दशक का यह खतरनाक वायरस एक बार फिर मौत का तांडव मचा रहा है

जयपुर। केरल में हाल ही एक वायरस ने एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत की नींद सुला दिया है। इस NiV के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था। वहीं से इस वायरस को ” निपाह ” नाम मिला। उस वक़्त इस बीमारी के वाहक
90 के दशक का यह खतरनाक वायरस एक बार फिर मौत का तांडव मचा रहा है

जयपुर। केरल में हाल ही एक वायरस ने एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत की नींद सुला दिया है। इस NiV के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था। वहीं से इस वायरस को ” निपाह ” नाम मिला। उस वक़्त इस बीमारी के वाहक सूअर बनते थे।90 के दशक का यह खतरनाक वायरस एक बार फिर मौत का तांडव मचा रहा है

इस वायरस के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक़ निपाह वायरस (NiV) तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है और सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है। जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है।90 के दशक का यह खतरनाक वायरस एक बार फिर मौत का तांडव मचा रहा है

जिन लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले तरल को चखा था और इस तरल तक वायरस को लेने जानी वाली चमगादड़ थीं। यह वायरस इंसानों में इंफेक्शन की चपेट में आने वाली चमगादड़ों, सूअरों या फिर दूसरे इंसानों से फैलता है।90 के दशक का यह खतरनाक वायरस एक बार फिर मौत का तांडव मचा रहा है

निपाह के लक्षण-

  • इसकी चपेट में आने के बाद 5 से 14 दिन तक यह वायरस तीन से 14 दिन तक तेज़ बुख़ार और सिरदर्द की वजह बन सकता है।
  • इंफ़ेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं।

90 के दशक का यह खतरनाक वायरस एक बार फिर मौत का तांडव मचा रहा है

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