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30 साल तक बर्फ में जमे रहने के बाद भी यह जीव ज़िंदा बच गया

क्या यह संभव है कि एक जीव तीस साल तक बर्फ में दबे रहने के बाद भी ज़िंदा बच जाये। जी हां, यह कोरी कल्पना नहीं है बल्कि वाटर बीयर नामक एक छोटे से जीव की अनोखी सच्चाई है। हो सकता है कि आपने यह जीव देखा नहीं हो, पर यह तथ्य इस छोटे से
30 साल तक बर्फ में जमे रहने के बाद भी यह जीव ज़िंदा बच गया

क्या यह संभव है कि एक जीव तीस साल तक बर्फ में दबे रहने के बाद भी ज़िंदा बच जाये। जी हां, यह कोरी कल्पना नहीं है बल्कि वाटर बीयर नामक एक छोटे से जीव की अनोखी सच्चाई है। हो सकता है कि आपने यह जीव देखा नहीं हो, पर यह तथ्य इस छोटे से समुद्री जीव की अनोखी विशेषता है। दरअसल जापान की एक प्रयोगशाला में यह जीव -20 डिग्री सेल्सियस तापमान में पिछले 30 वर्षों से बर्फ में जमा हुआ था। इतनी लम्बी अवधि के बाद यह जीव अब तक जीवित है। इस बात से दुनिया के सभी वैज्ञानिक हैरान हैं।

30 साल तक बर्फ में जमे रहने के बाद भी यह जीव ज़िंदा बच गया

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 1983 में जापान के वैज्ञानिकों का एक दल अनुसंधान के लिये अंटार्कटिका गया था। उस वक्त वहां पर बर्फ की काई में जमा हुआ यह जीव पाया गया। उस जीव को मृत अवस्था में मानकर शोध दल उसे अपने साथ जापान ले आया। वैज्ञानिकों ने इस जीव को गर्मी देने की बजाय बर्फ के एक बॉक्स में रख दिया था। यह डिब्बा पिछले तीस सालों से ऐसे ही रखा हुआ था। गौरतलब है कि वैज्ञानिकों ने इस अद्भुत जीव को माइनस 20 डिग्री के तापमान पर रखा था। हालांकि बाद में शोधकर्ताओं के एक अन्य दल ने इसे पोषक तत्वों से भरी एक नली में भी रखा था।

30 साल तक बर्फ में जमे रहने के बाद भी यह जीव ज़िंदा बच गया

वैज्ञानिकों ने जब इस जीव को जीवित देखा तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने इस वाटर बीयर को डिब्बे में गति करते हुए देखा। इस अनोखे जीव को वैज्ञानिक स्लीपिंग ब्यूटी के नाम से भी जानते हैं। दरियाई घोड़े की तरह दिखने वाला यह वाटर बीयर फिर से जिंदा हो गया है। इसके साथ ही यह जीव अंडे देने का काम भी कर रहा है। यह शोध बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

30 साल तक बर्फ में जमे रहने के बाद भी यह जीव ज़िंदा बच गया

इस विचित्र जीव के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जीव अंटार्कटिका जैसी जगह पर पाया जाता है। वैज्ञानिकों के अऩुसार यह जीव खुद को किसी भी तरह के जलवायु में ढाल लेता है। इसी कारण यह दोबारा जीवित‍ होने की क्षंमता रखता है। इस जीव को टार्डीग्रेड्‍स भी कहा जाता है। इस प्रयोग से यह सिद्ध हो चुका है कि दशकों तक बर्फ में जमे रहने के बाद भी यह जीव फिर से अपनी संतान उत्पन्न करने में सक्षम है।

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