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जिनकी कुण्डली में ये विशेष योग होता है, इसके कारण वे पूरी तरह पत्नी या पति रहित बनाते हैं

जयपुर। आज हम इस लेख में कुड़ली के विशेष योग के बार में बता रहें हैं, ज्योतिष के अनुसार कुड़ली में शुक्र व सूर्य के साथ ही नवम, सप्तम व पंचम स्थान में हों। इसके साथ ही चन्द्रमा से सप्तम में मंगल व शनि, शुक्र के साथ हों। वही सब शुक्र व बुध सप्तम भाव
जिनकी कुण्डली में ये विशेष योग होता है, इसके कारण वे पूरी तरह पत्नी या पति रहित बनाते हैं

जयपुर। आज हम इस लेख में कुड़ली के विशेष योग के बार में बता रहें हैं, ज्योतिष के अनुसार कुड़ली में शुक्र व सूर्य के साथ ही नवम, सप्तम व पंचम स्थान में हों। इसके साथ ही चन्द्रमा से सप्तम में मंगल व शनि, शुक्र के साथ हों। वही सब शुक्र व बुध सप्तम भाव में हों। शुक्र से सप्तम स्थान में पापग्रह होने पर। कुंड़ली में ग्रह की ऐसी स्थिति होने पर व्यक्ति का विवाह तो होता है लेकिन विवाह की परिस्थितियां कठिनाई वाली होती हैं। अगर कुंडली में सप्तमेश या सप्तम भाव होने पर ग्रह अगर पीड़ित होने पर विवाह में देरी होती है।

जिनकी कुण्डली में ये विशेष योग होता है, इसके कारण वे पूरी तरह पत्नी या पति रहित बनाते हैं

वैवाहिक जीवन के अगर अशुभ योग होता है तो सप्तमेश शुभ न होकर षष्ठ, अष्टम या द्वादश भावस्थ होने पर नीच का या अस्त होने पर व्यक्ति के विवाह में बाधा आती है। अगर किसी की कुंड़ली में ग्रह का शुभ योग न होने पर वैवाहिक सुख में बाधा आती है। सप्तम भाव में क्रूर ग्रह होने पर व  सप्तमेश पर क्रूर ग्रह की दृष्टि होने पर इसके साथ ही द्वादश भाव में भी क्रूर ग्रह हो, तो वैवाहिक सुख में बाधा आती है।

जिनकी कुण्डली में ये विशेष योग होता है, इसके कारण वे पूरी तरह पत्नी या पति रहित बनाते हैं

कुंड़ली में दोष होने से वैवाहिक जीवन में साथी दुष्ट स्वभाव का व वैवाहिक जीवन में क्लेश होता है। राहु व केतु के सप्तम भाव में होने से व उसकी क्रूर ग्रहों से युति होने पर वैवाहिक जीवन में तनावपूर्ण अक्सर पड़ता है।

जिनकी कुण्डली में ये विशेष योग होता है, इसके कारण वे पूरी तरह पत्नी या पति रहित बनाते हैं

 

शनि सूर्य व चंद्र से युत होने पर लग्न या सप्तम भाव में स्थित होने पर  सप्तमेश कमजोर हो ओर विवाह में बाधा आती है। शुक्र कर्क या सिंह राशि में स्थित होने से व सूर्य और चंद्र के मध्य में होने से विवाह नहीं होता है।

जिनकी कुण्डली में ये विशेष योग होता है, इसके कारण वे पूरी तरह पत्नी या पति रहित बनाते हैं

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