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यमराज से रहना है दूर तो नरक चतुर्दशी पर ना करें ये काम

आज देशभर में नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा हैं वही अगर आप भी लंबी उम्र का वरदान प्राप्त करना चाहते हैं तो नरक चौदस यानी की छोटी दिवाली के दिन ये गलती करने से बचें। नरक चतुर्दशी मतलब छोटी दिवाली को हिंदू धर्म शास्त्रों में बड़ा ही महत्वपूर्ण बताया गया हैं और यह दिवाली मनुष्य के जीवन और मृत्यु से जुड़ी मानी जाती हैं।
यमराज से रहना है दूर तो नरक चतुर्दशी पर ना करें ये काम

आपको बता दें कि आज देशभर में नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा हैं वही अगर आप भी लंबी उम्र का वरदान प्राप्त करना चाहते हैं तो नरक चौदस यानी की छोटी दिवाली के दिन ये गलती करने से बचें। नरक चतुर्दशी मतलब छोटी दिवाली को हिंदू धर्म शास्त्रों में बड़ा ही महत्वपूर्ण बताया गया हैं और यह दिवाली मनुष्य के जीवन और मृत्यु से जुड़ी मानी जाती हैं।यमराज से रहना है दूर तो नरक चतुर्दशी पर ना करें ये काम

वही एक कथा प्रचलित हैं कि एक बार जब यमराज ने यमदूतों से कहा लोगों के प्रण हरते समय तुम्हें कभी दुख हुआ हैं इस पर यमदूत ने कहा कि एक बार एक राजकुमार के प्राण हरते समय उनको बहुत ही दुख हुआ था। राजकुमार की शादी के चार ही दिन हुए थे। राजकुमार की मृत्यु से राजमहल में हाहाकार मच गया था। और नववधू का विलाप देखकर हमारा मन हमें धिक्कारने लगा। यमराज से रहना है दूर तो नरक चतुर्दशी पर ना करें ये कामइसके बाद यमदूतों ने यमराज से पूछा कि हे मृत्यु देवता कोई ऐसा उपाय नहीं हैं। जिससे किसी भी मनुष्य की अकाल मृत्यु न हो तो इस पर यमराज ने कहा कि जो मनुष्य छोटी दिवाली यानी की नरक चौदस के दिन मेरे नाम का दीप जलाकर मुझे याद करेगा। उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सताएगा। यह दिन नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि इस दिन यम के लिए दीप जलाने वाले को नरक का भय भी नहीं रहता हैं। यमराज से रहना है दूर तो नरक चतुर्दशी पर ना करें ये कामवही इसी संदर्भ में एक अन्य कथा भी प्रचलित हैं कि प्राचीन काल में एक हिम नामक राजा हुए। विवाह के कई सालों बाद इन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। ज्योतिष ने जब राजकुमार की कुण्डली देखी तो कहा कि विवाह के चौथे दिन राजकुमार की मृत्यु हो जाएगी। राजा रानी इस बात को सुनकर दुखी हो गये। समय व्यतीत होता चला गया और राजकुमार की शादी हो गयी। विवाह का चौथा दिन भी आ गया। राजकुमार की मुत्यु होने के भय से सभी लोग सहमे हुए थे मगर राजकुमार की पत्नी चिंता मुक्त थी। उसे महालक्ष्मी की भक्ति पर पूरा विश्वास था।यमराज से रहना है दूर तो नरक चतुर्दशी पर ना करें ये काम शाम होने पर राजकुमार की पत्नी ने पूरे महल को दीपों से सजा दिया। इसके बाद महालक्ष्मी के भजन गाने लगी। यमदूत जब राजकुमार के प्राण लेने आये तो महालक्ष्मी की भक्ति में लीन राजकुमार की पतिव्रत पत्नी को देखकर महल में प्रवेश करने का साहस नहीं जुटा पाए। यमदूतों के लौट जाने पर यमराज स्वयं सर्प का रूप धारण करके महल में प्रवेश कर गये। राजकुमार की मृत्यु का समय गुजर जाने के बाद यमराज को खाली हाथ लौटना पड़ा और राजकुमार दीर्घायु हो गया। ऐसी मान्यता हैं कि तब से नरक चतुर्दशी अर्थात् छोअी दिवाली को यमराज को खुश करने और दीर्घायु पाने के लिए दीप जलाने की परंपरा शुरू हुईयमराज से रहना है दूर तो नरक चतुर्दशी पर ना करें ये काम

आज देशभर में नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा हैं वही अगर आप भी लंबी उम्र का वरदान प्राप्त करना चाहते हैं तो नरक चौदस यानी की छोटी दिवाली के दिन ये गलती करने से बचें। नरक चतुर्दशी मतलब छोटी दिवाली को हिंदू धर्म शास्त्रों में बड़ा ही महत्वपूर्ण बताया गया हैं और यह दिवाली मनुष्य के जीवन और मृत्यु से जुड़ी मानी जाती हैं। यमराज से रहना है दूर तो नरक चतुर्दशी पर ना करें ये काम

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