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Mahabharata: महाभारत के ये योद्धा पिछले जन्म में थे देवी देवता के अवतार

हिंदू धर्म में कई पवित्र ग्रथं और पौराणिक कथाओं के बारे में बताया गया हैं जिससे मनुष्य बहुत कुछ सीख सकता हैं उन्हीं में से एक महाभारत को भी माना जाता हैं। महाभारत की कहानियों से आज भी हम बहुत कुछ सीख सकते हैं न्याय और अन्याय के युद्ध में कई पात्र ऐसे थे, जिन्हें
Mahabharata: महाभारत के ये योद्धा पिछले जन्म में थे देवी देवता के अवतार

हिंदू धर्म में कई पवित्र ग्रथं और पौराणिक कथाओं के बारे में बताया गया हैं जिससे मनुष्य बहुत कुछ सीख सकता हैं उन्हीं में से एक महाभारत को भी माना जाता हैं।Mahabharata: महाभारत के ये योद्धा पिछले जन्म में थे देवी देवता के अवतार महाभारत की कहानियों से आज भी हम बहुत कुछ सीख सकते हैं न्याय और अन्याय के युद्ध में कई पात्र ऐसे थे, जिन्हें आज भी याद किया जाता हैं महाभारत के कुछ पात्र पूर्व जन्म में देवी देवता थे तो आज हम आपको आपने इस लेख में इसी के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Mahabharata: महाभारत के ये योद्धा पिछले जन्म में थे देवी देवता के अवतार

हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की पूजा खास मानी जाती हैं श्रीकृष्ण को 64 कलाओं और अष्ट सिद्धियों से परिपूर्ण माना गया हैं ऐसा माना जाता हैं कि वे स्वयं भगवान श्री हरि विष्णु का अवतार थे। श्रीकृष्ण के इस अवतार के बाद ही कलयुग का आगमन हुआ था। Mahabharata: महाभारत के ये योद्धा पिछले जन्म में थे देवी देवता के अवतारभगवान श्रीकृष्ण के भाई बलराम शेषनाग के अवतार मानते जाते हैं कृष्ण के बड़े भाई होने के कारण से उन्हें दाउजी के नाम से भी जाना जाता हैं महाभारत के युद्ध के दौरान बलराम किसी के पक्ष में नहीं थे और तटस्थ होकर तीर्थयात्रा पर चले गए।Mahabharata: महाभारत के ये योद्धा पिछले जन्म में थे देवी देवता के अवतार

भगवान कृष्ण के बाद अगर महाभारत का कोई सबसे प्रमुख और चर्चित पात्र हैं तो वो भीष्म पितामाह हैं। पांच वसुओं में एक द्यु नाम वसु ने देवव्रत के रूप में जन्म लिया था। वही कौरवों औरपांडवों के गुरु रहे द्रोणाचार्य अत्यंत शक्तिशाली और पराक्रमी योद्धा थे। ऐसा माना जाता हैं कि देवताओं के गुरु बृहस्पति देव ने ही द्रोणाचार्य के रूप में जन्म लिया था।Mahabharata: महाभारत के ये योद्धा पिछले जन्म में थे देवी देवता के अवतार महाभारत की सबसे जरूरी और शायद सबसे शक्तिशाली स्त्री पात्र रही द्रौपदी का जन्म इन्द्राणी के अवतार के रूप में हुआ था। वही अर्जुन को पांडु पुत्र माना जाता हैं मगर असल में वे इन्द्र और कुंती के पुत्र थे। दानवीर कर्ण को इन्द्र का अंश ही माना जाता हैं।Mahabharata: महाभारत के ये योद्धा पिछले जन्म में थे देवी देवता के अवतार

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