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पृथ्वी के बाहर जीवन के लिए इन तीन चीज़ों का होना आवश्यक है

जयपुर। अंतरिक्ष मे जीवन की खोज के बारे में कुछ भी निश्चित कह पाना कठिन है। हम ज्ञात भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान के नियमों के अनुसार कुछ अनुमान ही लगा सकते है लेकिन सटिक कहना मुश्किल है। वैज्ञानीकों को अंतरिक्ष मे जीवन की खोज से पहले यह सुनिश्चित कर लेना आवश्यक है कि
पृथ्वी के बाहर जीवन के लिए इन तीन चीज़ों का होना आवश्यक है

जयपुर। अंतरिक्ष मे जीवन की खोज के बारे में कुछ भी निश्चित कह पाना कठिन है। हम ज्ञात भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान के नियमों के अनुसार कुछ अनुमान ही लगा सकते है लेकिन सटिक कहना मुश्किल है। वैज्ञानीकों को अंतरिक्ष मे जीवन की खोज से पहले यह सुनिश्चित कर लेना आवश्यक है कि किसी ग्रह पर जीवन के लिये मूलभूत आवश्यकता क्या है? जैसे – द्रव जल, कार्बन और, DNA जैसे स्वयं की प्रतिकृति बनाने वाले अणु।पृथ्वी के बाहर जीवन के लिए इन तीन चीज़ों का होना आवश्यक है

वैज्ञानिको का मानना है कि जीवन के लिये किसी ग्रह पर द्रव जल की उपस्थिति अनिवार्य है। अंतरिक्ष मे जीवन की खोज के लिये पहले द्रव जल को खोजना हो आवश्क है। जल सार्वभौमिक विलायक  है, जिसमे अनेको प्रकार के रसायन घूल जाते है। द्रव जल जटिल अणुओ के निर्माण के लिये आदर्श है। द्रव जल के अणु सामान्य है और ब्रह्माण्ड मे हर जगह पाये जाते है लेकिन बाकी विलायक दुर्लभ है। किसी प्रकार के जीवन के लिये कार्बन आवश्यक है क्योंकि इसकी संयोजकता चार है और यह चार अन्य अणुओ के साथ बंध कर असाधारण रूप से जटिल अणु बनाने में सक्षम है।पृथ्वी के बाहर जीवन के लिए इन तीन चीज़ों का होना आवश्यक है

जैसा कि हम जानते है कि कार्बण अणु की श्रंखला बनाना आसान है जो कि हायड़्रोकार्बन और कार्बनीक रसायन का आधार है। चार संयोजकता वाले अन्य तत्व कार्बन के जैसे जटिक अणु नही बना पाते है। आपको बता दे कि सहज जीवन निर्माण यह कार्बनीक रसायन का प्राकृतिक उत्पाद है। कुछ वैज्ञानिकों ने अमोनिया, मीथेन और कुछ अन्य रसायन (जो पृथ्वी की प्रारंभिक अवस्था मे थे) के घोल को एक फ्लास्क मे लीया और उसमे से विद्युतधारा प्रवाहित की और इंतजार करते रहे।पृथ्वी के बाहर जीवन के लिए इन तीन चीज़ों का होना आवश्यक है

इस विद्युत धारा अमोनिया और मीथेन के कार्बन बंधनो को तोड़कर उन्हे अमीनो अम्ल मे बदलने मे सक्षम थी। जानकारी के लिए बता दे कि अमीनो अम्ल प्रोटीन का प्राथमिक रूप है। इसके बाद मे अमीनो अम्ल को उल्काओ मे और गहन अंतरिक्ष के गैस के बादलो मे भी पाया गया है। पृथ्वी पर पहले डीएनए के अणु के निर्माण के लिये करोड़ो वर्ष लगे थे। तो इंसान को जीवन रखना है तो डीएनए के अणु का बनना आवश्यक है।

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