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सर्जरी के बाद होने वाले इन्फेक्शन का नहीं रहेगा डर

शोधकर्ताओं ने विभिन्न साइज, कंसंट्रेशन और सरफेस कोटिंग्स के ऑर्गोसिलिका नैनोपार्टिकल्स के प्रभावों की जांच की और यह जानने का प्रयास किया कि किस तरह ये नैनोपार्टिकल्स सी. अल्बिकन्स और खून में मौजूद इम्यून सेल्स से किस तरह कॉन्टेक्ट करते हैं। अब इस शोध के बाद इस तरीके को रोकने में समर्थ रहेंगे, जिससे नैनोपार्टिकल्स और सेल्स के बीच कनेक्शन ना हो पाए।
सर्जरी के बाद होने वाले इन्फेक्शन का नहीं रहेगा डर

 

जयपुर । सर्जरी यानि ऑपरेशन आज कल ऑपरेशन होना कोई बड़ी बात नही है । आज के समय में छोटी  सी बीमारी में ही डॉक्टर्स ऑपरेशन की सलाह दे डालते हैं । पर यह ऑपरेशन करना उनके कलैये तो बहुत छोटी सी बाती हो जाती है लेकिन मरीज के लिए कई बार यह बहुत  ही घातक  बन जाती है । इसका कारण होता है सर्जरी में काम आने वाले सामानों के कारण इन्फेक्शन फैल जाना ।
सर्जरी के बाद होने वाले इन्फेक्शन का नहीं रहेगा डर

बेहतरीन साफ-सफाई के बाद भी चिकित्सा उपकरणों पर कुछ माइक्रोब्स डिवेलप हो सकते हैं, जो आमतौर पर कमजोर इंम्यूनिटी वाले रोगियों को सर्जरी के बाद अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। शोधकर्ताओं ने चिकित्सा उपकरणों जैसे कि कैथेडर इत्यादि पर मौजूद घातक रोगाणुओं (माइक्रोब्स) की मौजूदगी की पहचान करने के लिए नैनोकणों (नैनोपार्टिकल्स) का इस्तेमाल किया और इस बारे में भी रिसर्च की कि उन्हें संक्रमण मुक्त कैसे बनाया जा सकता है।सर्जरी के बाद होने वाले इन्फेक्शन का नहीं रहेगा डर

ह्यूमन बॉडी की सर्जरी में उपयोग किए जानेवाले ज्यादातर इक्विपमेंट्स पर कैंडिडा अल्बिकंस की उपस्थिति देखी गई। यह आमतौर पर पाया जाने वाला सूक्ष्म जीव है और मानव शरीर में प्रत्यारोपित किए जाने वाले कैथेटर जैसे उपकरणों पर अपनी कॉलोनीज डिवेलप कर लेता है। हालांकि सेहतमंद लोगों पर इस माइक्रोब का कोई खास नहीं असर नहीं होता है लेकिन जिन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कम होती है, उनके लिए ये माइक्रोब्स घातक साबित हो सकते हैं। ये माइक्रोब्स सर्जरी करनेवाले उपकरणों के साथ शरीर में जाकर अंदरूनी अंगों में इंफेक्शन जनरेट कर सकते हैं।सर्जरी के बाद होने वाले इन्फेक्शन का नहीं रहेगा डर

इस तरह के माइक्रोब्स से बेहद खतरनाक स्थिति से गुजर रहे मरीजों की संख्या में मृत्युदर कई गुना बढ़ सकती है। क्योंकि ये माइक्रोब्स अपनी नई कॉलोनीज बनाने के साथ ही अपनी ऐंटिफंगल ट्रीटमेंट कैपेब्लिटी भी बढ़ने में में सक्षम हैं। इस कारण इनके इलाज में दिकक्त होती है और मरीज की परेशानी बढ़ सकती है। सर्जरी के बाद होने वाले इन्फेक्शन का नहीं रहेगा डर

शोधकर्ताओं ने विभिन्न साइज, कंसंट्रेशन और सरफेस कोटिंग्स के ऑर्गोसिलिका नैनोपार्टिकल्स के प्रभावों की जांच की और यह जानने का प्रयास किया कि किस तरह ये नैनोपार्टिकल्स सी. अल्बिकन्स और खून में मौजूद इम्यून सेल्स से किस तरह कॉन्टेक्ट करते हैं। अब इस शोध के बाद इस तरीके को रोकने में समर्थ रहेंगे, जिससे नैनोपार्टिकल्स और सेल्स के बीच कनेक्शन ना हो पाए। हालांकि नैनोपार्टिकल्स के बारे में ज्यादा जानकारी कैंसर पर शोध के दौरान हुई लेकिन इनसे जुड़ी जानकारी अन्य बीमारियों के इलाज में बहुत कारगर साबित हो सकती है।

शोधकर्ताओं ने विभिन्न साइज, कंसंट्रेशन और सरफेस कोटिंग्स के ऑर्गोसिलिका नैनोपार्टिकल्स के प्रभावों की जांच की और यह जानने का प्रयास किया कि किस तरह ये नैनोपार्टिकल्स सी. अल्बिकन्स और खून में मौजूद इम्यून सेल्स से किस तरह कॉन्टेक्ट करते हैं। अब इस शोध के बाद इस तरीके को रोकने में समर्थ रहेंगे, जिससे नैनोपार्टिकल्स और सेल्स के बीच कनेक्शन ना हो पाए। सर्जरी के बाद होने वाले इन्फेक्शन का नहीं रहेगा डर

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