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हमारे दिमाग में भी डिलीट का बटन होता है, बुरी यादें मिटाई जा सकती हैं

न्यूरोसाइंस की माने तो हमारे दिमाग में भी कंप्यूटर की तरह सूचना को मिटाने के लिए डिलीट का बटन पाया जाता है। तंत्रिका विज्ञान की भाषा में इसे न्यूरो सर्किट कहते हैं। जी हां, वैज्ञानिकों की माने तो हमारे दिमाग में भी एक ऐसा परिपथ होता है, जिसकी मदद से बुरी यादें मिटाई जा सकती
हमारे दिमाग में भी डिलीट का बटन होता है, बुरी यादें मिटाई जा सकती हैं

न्यूरोसाइंस की माने तो हमारे दिमाग में भी कंप्यूटर की तरह सूचना को मिटाने के लिए डिलीट का बटन पाया जाता है। तंत्रिका विज्ञान की भाषा में इसे न्यूरो सर्किट कहते हैं। जी हां, वैज्ञानिकों की माने तो हमारे दिमाग में भी एक ऐसा परिपथ होता है, जिसकी मदद से बुरी यादें मिटाई जा सकती हैं। हालांकि यह बटन अभ्यास के बाद ही हमारे काबू में आ सकता है।

हमारे दिमाग में भी डिलीट का बटन होता है, बुरी यादें मिटाई जा सकती हैं

आपको तो पता ही है कि किसी भी इंसान या जानवर को परफेक्ट बनने के लिए उस चीज का बहुत ज्यादा अभ्यास करना पड़ता है। बस दिमाग के इस बटन का हाल भी कुछ ऐसा ही है। उदाहरण के तौर पर जब भी हम कोई नई चीज नई भाषा या कोई नया उपकरण चलाना सीखते हैं तो हमारे मस्तिष्क में स्थित यह न्यूरो सर्किट उसके पैटर्न को सुरक्षित कर लेता है। अब अगर आपको उस याद को मिटाना है तो इस परिपथ को उल्टी दिशा में काम करवाना पड़ेगा।

हमारे दिमाग में भी डिलीट का बटन होता है, बुरी यादें मिटाई जा सकती हैं

हालांकि दिमाग खुद भी समय समय पर पुरानी यादों की छटनी करता रहता है। लेकिन यह डिलीट का बटन एक साथ कई सारी यादों को मिटा सकता है। दिमाग की किसी पुरानी घटना को भूलने की क्षमता को अन्तर्ग्रथनी छंटाई (synaptic pruning) कहते है। अक्सर जब हम सोते है तो दिमाग उन पुरानी यादों को डिलीट कर देता है जिनका हमने काफी समय से उपयोग नहीं किया है।हमारे दिमाग में भी डिलीट का बटन होता है, बुरी यादें मिटाई जा सकती हैं

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