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America की यथार्थ कार्रवाई देखना चाहती है दुनिया

हाल में अमेरिकी वाशिंगटन पोस्ट ने लेख जारी कर अमेरिकी सरकार द्वारा महामारी-रोधी वैक्सीन को बौद्धिक संपदा बंधन से मुक्त कराने की कार्रवाई हालिया महामारी का मुकाबला करने के लिए कारगर प्रस्ताव नहीं है, लेकिन देखने में यह तुरंत लोगों और मतदाताओं का ध्यान खींच सकता है। इस प्रस्ताव का पालन करने के लिए डब्ल्यूटीओ
America की यथार्थ कार्रवाई देखना चाहती है दुनिया

हाल में अमेरिकी वाशिंगटन पोस्ट ने लेख जारी कर अमेरिकी सरकार द्वारा महामारी-रोधी वैक्सीन को बौद्धिक संपदा बंधन से मुक्त कराने की कार्रवाई हालिया महामारी का मुकाबला करने के लिए कारगर प्रस्ताव नहीं है, लेकिन देखने में यह तुरंत लोगों और मतदाताओं का ध्यान खींच सकता है। इस प्रस्ताव का पालन करने के लिए डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य देशों को दस्तावेज पर आधारित वार्ता पर सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता है, जो बहुत जटिल होगी। हाल में अमेरिका ने भी स्वीकार किया कि वार्ता करने के लिए समय लगेगा। यह वार्ता बहुत लंबी हो सकेगी।

क्या यह लंबी वार्ता फौरी महामारी रोकथाम की समस्या का हल करेगी? या अमेरिकी सरकार शुरू से ही इसका कार्यान्वयन नहीं करना चाहती थी, जबकि सिर्फ राजनीतिक मकसद से यह बात कही।

हाल में संपन्न यूरोपीय आयोग के सोशल समित में यूरोपीय संघ के विभिन्न देशों के नेताओं ने महामारी-रोधी वैक्सीन को बौद्धिक संपदा बंधन से मुक्त कराने को स्थगित करने पर सहमति प्राप्त की। यूरोपीय आयोग की अध्यक्षा उसुर्ला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि अब विश्व के लिए फौरी काम है। वैक्सीन की पर्याप्त सप्लाई और निष्पक्ष वितरण को सुनिश्चित करना है, जबकि बौद्धिक संपदा बंधन से मुक्त कराने की बात नहीं है।

अमेरिका की यथार्थ कार्रवाई को देखें। अमेरिका द्वारा उत्पादित वैक्सीन शत प्रतिशत अमेरिकियों के लिए हैं, जबकि बहुत कम वैक्सीन मैक्सिको और कनाडा निर्यात की गई हैं। साथ ही अमेरिका ने वैक्सीन के उत्पादन के लिए कच्ची सामग्रियों के निर्यात पर भी पाबंदी लगाई, जिसने वैश्विक सहयोग में बड़ी बाधा डाली है। बेकार बातें करने से विश्व को यथार्थ कार्रवाई की आवश्यकता है।

हाल में कई देशों की महामारी अति गंभीर स्थिति में है। इसी वक्त हम अमेरिका की यथार्थ कार्रवाई देखना चाहते हैं। विश्व के लोग यह चाहते हैं कि अमेरिका वैक्सीन के निर्यात पर पाबंदी हटाकर संकट में फंसे देशों और लोगों को मदद देगा।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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