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लैब में धधकता सूरज और ब्रह्मांड में पैनी नज़र का करेंगे निर्माण

जयपुर। दुनिया में कई संस्थान कई मिशनों पर काम रही है। जिससे आने वाले समय की तैयारीयां भी कह सकते है। इन मिशनों से इंसान अपने आपको और इस ब्रह्मांड को जानेगा और एक ऐसा जीवन तैयार करेगा जो इस इस जन्म से बहुत ही अलग हो सकता है। लेकिन उसे पहले इस तरह की

जयपुर। दुनिया में कई संस्थान कई मिशनों पर काम रही है। जिससे आने वाले समय की तैयारीयां भी कह सकते है। इन मिशनों से इंसान अपने आपको और इस ब्रह्मांड को जानेगा और एक ऐसा जीवन तैयार करेगा जो इस इस जन्म से बहुत ही अलग हो सकता है। लेकिन उसे पहले इस तरह की तकनीक की बनना होगा। इसी तरह से एक सबसे बड़ा उदाहरण है जो भविष्य के लिए एक सच साबित हो सकता है वो है ITER प्रॉजेक्ट जिसका पूरी नाम है “इंटरनैशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिऐक्टर”  इस मिशन को पूरा करने के लिए 40 अरब डॉलर की लागत है जिसमें भारत अपनी भागेदारी दिखाते हुये इस प्रॉजेक्ट में 9.1% तक फंडिंग करेगा। लैब में धधकता सूरज और ब्रह्मांड में पैनी नज़र का करेंगे निर्माण

आपको बता दे कि इस मिशन में वैज्ञानिक लैब के भीतर सूरज का अंश बनाने की कोशिश करेंगे और यह फ्रांस में बन रहा है और भारत समेत सात देश इसके लिए फंडिंग दे रहे हैं। भारत मुख्यरूप से इसके लिए उपकरणों की सप्लाई करेगा जो उनको आवश्यकता होगी। माना जा रहा है कि यह प्रॉजेक्ट 2030 तक पूरा हो जाएगा। होने की उम्मीद है। इसी तरह का एक और मिशन है जो दुनिया सबसे महंगा मिशन माना जा रहा है TMT प्रॉजेक्ट मतलब थर्टी मीटर टेलिस्कोप ।लैब में धधकता सूरज और ब्रह्मांड में पैनी नज़र का करेंगे निर्माण

इस मिशन की लागत 1.47 अरब डॉलर है। जानकारी के अनुसार बता दे कि यह हमारे ग्रह के उत्तरी भाग में बना सबसे बड़ा ऑप्टिकल और इंफ्रारेड टेलिस्कोप होगा। इसे हवाई में बनाया जाएगा। इस पर कनाडा, चीन, जापान, भारत और अमेरिका पहली बार साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि इस टेलिस्कोप की मदद से ब्रह्मांड की उन चीजों की जाँच की जा सकेगी जो अभी हमारे लिए धुंधली बनी हुई हैं। इसकी मदद से सोलर सिस्टम में प्लैनेट आदि तत्वों की खोज भी हो सकेगी। माना जा रहा है कि 2023 – 24 तक इसका काम शुरू कर देंगे।लैब में धधकता सूरज और ब्रह्मांड में पैनी नज़र का करेंगे निर्माण

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