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रेल से भी तेज भागते सपनों की कहानी है ‘रेलवे राजू’

निर्देशक दिनकर राव की फिल्म ‘रेलवे राजू’ शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन पूरी होने के बाद अगले सप्ताह सेंसर में जा रही है। फिल्म में छायांकन के माध्यम से गैंगवार और बनारस की गलियों में पलते सपनों और तनाव का ²श्यांकन किया गया है। फिल्म की कहानी रेल से भी तेज भागते सपनों और उन सपनों
रेल से भी तेज भागते सपनों की कहानी है ‘रेलवे राजू’

निर्देशक दिनकर राव की फिल्म ‘रेलवे राजू’ शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन पूरी होने के बाद अगले सप्ताह सेंसर में जा रही है। फिल्म में छायांकन के माध्यम से गैंगवार और बनारस की गलियों में पलते सपनों और तनाव का ²श्यांकन किया गया है। फिल्म की कहानी रेल से भी तेज भागते सपनों और उन सपनों का पीछा करते राजू उर्फ रेलवे राजू (सनी शाह) के इर्द-गिर्द घूमती है।

ग्रेजुएट होकर भी जब नौकरी नहीं मिलती तो राजू (सनी शाह) अपना गांव छोड़कर बनारस आ जाता है। वह टूरिस्ट गाइड, टिकट एजेंट बनकर पैसे कमाना चाहता है लेकिन जिंदगी को कुछ और ही मंजूर है ,वह उसे कुश्ती के अखाड़े तक ले आती है। जीवन के चक्र में आगे बढ़ते हुए वह गैंगवार के दलदल में फंस जाता है और अपराध की दुनिया में घुस जाता है।

सनी शाह के अपोजिट अभिनेत्री लावण्या हैं, जो माया के किरदार में हैं।

राजू भारतीय युवाओं के सपनों का नायक है। सनी शाह ने कहा, “मैं अजय देवगन की फिल्में सात सात बार देख कर बड़ा हुआ हूं , मैं उनके एक्शन और अभिनय का फैन हूं।”

मुख्य अभिनेत्री लावण्या ने कहा, “यह किरदार करते समय मैं बेहद दुखी हो गई क्योंकि भारत में अधिकतर स्त्रियां इतना ही घुटन भरा जीवन जीती हैं।”

इससे पूर्व राव की फिल्म ‘अस्थि’ कान फिल्म फेस्टिवल कोर्ट मेतराज फ्ऱांस में शामिल हुई थी। दिनकर राव की पहली फिल्म ‘जोया द ब्लैक विडो’ मिलान अंतराष्र्ट्ीय फिल्म फेस्टिवल में ऑफिशियल सिलेक्शन थी।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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