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तारों को इस तरह से निगल जाते हैं ब्लैक होल, जानिये कैसे

जयपुर। ब्लैक होल वैसे कई रहस्यों को लेकर बैठा है। आपको बात दे कि जब से बिगबैंग हुआ है तक से इनका अस्तित्व में आया है या नहीं आया है ये बहुत ही बड़ा रहस्य है इसका। वैसे को इसके बारे में कई राज़ वैज्ञानिक खोल चुके है। इस कि दिशा में में वैज्ञानिकों ने
तारों को इस तरह से निगल जाते हैं ब्लैक होल, जानिये कैसे

जयपुर। ब्लैक होल वैसे कई रहस्यों को लेकर बैठा है। आपको बात दे कि जब से बिगबैंग हुआ है तक से इनका अस्तित्व में आया है या नहीं आया है ये बहुत ही बड़ा रहस्य है इसका। वैसे को इसके बारे में कई राज़ वैज्ञानिक खोल चुके है। इस कि दिशा में में वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने हबल स्पेस टेलीस्कोप तथा चंद्रा एक्स-रे वेधशाला ने ब्लैक होल के बारे में कुछ अनोखी जानकारी जुटाई है। आपको बता दे कि एस्ट्रोनॉट्स ने आकाशगंगा में 800 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक ब्लैक होल में विचित्र हलचल रिकॉर्ड की हैतारों को इस तरह से निगल जाते हैं ब्लैक होल, जानिये कैसे

ऐसा पहली बार किया है। वैज्ञानिकों ने इसके बारे में जानकारी दी है कि यह ब्लैक होल तारे तथा गैस के बादलों को निगलता है और इसकी ये प्रक्रिया बहुत ही तेजी से बढ़ती ही जा रही है। कोलोरेडो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस ब्लैक होल को अन्य तारों को अपना भोजन बनाते हुए देखा है। जानकारी दे दे कि यह शोध दी एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है।तारों को इस तरह से निगल जाते हैं ब्लैक होल, जानिये कैसे

आपको बता दे कि खगोलशास्त्री जब किसी अन्य ग्रह का अध्ययन कर रहे थे तो चंद्रा ऑब्जर्वेटरी ने एक चमकदार वस्तु को एक्स रे उत्सर्जित करते हुये पाया जाँच से ज्ञात हुआ कि यह एक ब्लैक होल है। वैज्ञानिकों ने पाया कि इसके केंद्र से एक्स किरणों का उत्सर्जन हो रही है जो चुंबकीय तथा गुरूत्वाकर्षण बलों के कारण उत्पन्न होने वाली गर्मी से चमक रही थी। वैज्ञानिकों ने कहा कि ये एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है जो कई तारों और गैसों के बादल को निगल चुका था। जानकारी दे दे कि मिल्की वे गैलेक्सी के ब्लैक होल में भी करोड़ों वर्ष पहले यह घटना हुई थी।तारों को इस तरह से निगल जाते हैं ब्लैक होल, जानिये कैसे

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