कोल्ड वायरस का असर कम करने आ गया है खास तरह का प्रोटीन
जयपुर । जो मौसम अभी चल रहे हैं उसमें बीमारियों का होना बहुत ही आम बात है । इस बदलते मौसम में मच्छरों का भी कहर बहुत ज्यादा होता है जिसके कारण भी बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है । खास कर सर्दी जुकाम बुखार का । इन सभी के बीच फैलता है कोल्ड वायरस ।
ठंड और फ्लू के कारण वायरस काफी तेज गति से विकसित होते हैं। इनका कोई स्थायी इलाज नहीं है, क्योंकि जब भी वैज्ञानिक कोई नया वैक्सीन लेकर आते हैं, तो वह वायरस के सभी स्ट्रेन्स को लक्षित नहीं कर पाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वायरस दवा का प्रतिरोधी बन जाता है। इन वायरस के बारे में जितना अध्ययन हो रहा है, लगातार नए पहलु सामने आ रहे हैं
अधिकांश वायरस मानव सेल्स में मौजूद प्रोटीन का फायदा उठाते हैं। ये वायरस एंटरोवायरस के प्रकार हैं और राइनोवायरस परिवार के हैं। विशेषज्ञों ने जांच में पाया कि उन्हें रोकने के लिए किन प्रोटीन्स का उपयोग किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने पहले ग्रोइंग ह्यूमन सेल कल्चर पर ध्यान केंद्रित किया। हर कल्चर को जीन-एडिट किया गया ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस जीन में प्रोटीन है जो वायरस को टारगेट करता है।
इसके बाद दो अलग-अलग वायरस सामने आए। पहला RV-C15, जो अस्थमा को बढ़ाता है और EV-D68 जिससे पोलियो जैसी बीमारी होती है। जांच में पाया गया कि ये वायरस SETD3 नामक एक एंजाइम की मौजूदगी में बढ़ते हैं। यह खोज सर्दी का एक सफल उपचार साबित हो सकता है क्योंकि यह कंट्रोल सेल की तुलना में बेहतर काम करता है।