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रंगी हुई सब्जियों से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा , पहचान है जरूरी

सबसे ज्यादा हरे रंग की मिलावट होती है। यह मेलेकाइट ग्रीन नामक रसायन होता है। यह खून में जमा होता रहता है। एक सीमा के बाद यह कोशिकाओं को विकृत करने लगता है। इससे ट्यूमर और कैंसर हो सकता है। इसी तरह लाल रंग के लिए रोडामीन, पीले रंग के लिए ऑरामीन डाई का प्रयोग हो रहा है। तीनों रसायन लिवर, किडनी, हृदय के लिए हानिकारक हैं।
रंगी हुई सब्जियों से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा , पहचान है जरूरी

 

जयपुर । आज कल कैंसर का खतरा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है । कैंसर के इतने प्रकार आए दिन सामने आ रहे हैं की लोगों के मन में आज सांस लेने को लेकर भी डर बैठ गया है । ब्रेन ती मार जानलेवा होता है । यदि सिका समय पर पता नहीं चले तो यह जान लेने में जरा भी समय नहीं लगाता है ।रंगी हुई सब्जियों से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा , पहचान है जरूरी

ब्रेन ट्यूमर के कई सारे कारण हो सकते हैं । पर आपको जानकार शायद हैरानी होगी की ब्रेन ट्यूमर का कारण आज कल की आ रही रंगी हुई सब्जियाँ भी है । इस बात की जानकारी हमको नहीं है और हम आराम से सभी तरह की सब्जियों का सेवन कर रहे हैं । पर यह हमारे लिए खतरे से काली नहीं है ।

रंगी हुई सब्जियों से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा , पहचान है जरूरी

चटकीले रंग में चमकते फल और सब्जियां देखकर महंगे लग सकते हैं लेकिन यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं। सब्जियों और फलों को बेचने के लिए उनको जिन रंगों से रंगा जा रहा है, वह ट्यूमर से लेकर कैंसर तक दे सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रंग और रसायन हमारे रक्त में रह जाते हैं। शरीर से बाहर नहीं निकलते। इसके कारण लिवर, किडनी और हृदय को भी गहरा नुकसान पहुंचता है। रंगी हुई सब्जियों से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा , पहचान है जरूरी

 

सबसे ज्यादा हरे रंग की मिलावट होती है। यह मेलेकाइट ग्रीन नामक रसायन होता है। यह खून में जमा होता रहता है। एक सीमा के बाद यह कोशिकाओं को विकृत करने लगता है। इससे ट्यूमर और कैंसर हो सकता है। इसी तरह लाल रंग के लिए रोडामीन, पीले रंग के लिए ऑरामीन डाई का प्रयोग हो रहा है। तीनों रसायन लिवर, किडनी, हृदय के लिए हानिकारक हैं।

रंगी हुई सब्जियों से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा , पहचान है जरूरी

सबसे ज्यादा हरे रंग की मिलावट होती है। यह मेलेकाइट ग्रीन नामक रसायन होता है। यह खून में जमा होता रहता है। एक सीमा के बाद यह कोशिकाओं को विकृत करने लगता है। इससे ट्यूमर और कैंसर हो सकता है। इसी तरह लाल रंग के लिए रोडामीन, पीले रंग के लिए ऑरामीन डाई का प्रयोग हो रहा है। तीनों रसायन लिवर, किडनी, हृदय के लिए हानिकारक हैं। रंगी हुई सब्जियों से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा , पहचान है जरूरी

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