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कोरोना दौर में बढ़ता बाइपोलर डिसऑर्डर का खतरा, बचाव के लिए इसके लक्षणों का रखें ध्यान

जयपुर।कोरोना संक्रमण के दौर में कई प्रकार की घातक बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।जिनमें इस समय मानसिक रोगों का खतरा सबसे ज्यादा बना हुआ है। आज के समय में बाइपोलर डिसऑर्डर या हाइपोमेनिया का खतरा सबसे अधिक बढ़ रहा है। हमारे मस्तिष्क में सिरोटोनिन, डोपामाइन और न्यूरोटेंसिन जैसे हार्मोन के अधिक बनने
कोरोना दौर में बढ़ता बाइपोलर डिसऑर्डर का खतरा, बचाव के लिए इसके लक्षणों का रखें ध्यान

जयपुर।कोरोना संक्रमण के दौर में कई प्रकार की घातक बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।जिनमें इस समय मानसिक रोगों का खतरा सबसे ज्यादा बना हुआ है। आज के समय में बाइपोलर डिसऑर्डर या हाइपोमेनिया का खतरा सबसे अधिक बढ़ रहा है।

कोरोना दौर में बढ़ता बाइपोलर डिसऑर्डर का खतरा, बचाव के लिए इसके लक्षणों का रखें ध्यानहमारे मस्तिष्क में सिरोटोनिन, डोपामाइन और न्यूरोटेंसिन जैसे हार्मोन के अधिक बनने और अनुवाशिंक कारणों के अलावा शरीर का बढ़ता तनाव, नींद की कमी, अधिक दवाएं या अल्कोहल का सेवन करने से हमारा शरीर बाइपोलर डिसऑर्डर की बीमारी का शिकार हो सकता है।

कोरोना दौर में बढ़ता बाइपोलर डिसऑर्डर का खतरा, बचाव के लिए इसके लक्षणों का रखें ध्यानबाइपोलर डिसऑर्डर एक प्रकार का मानसिक रोग है।जिसमें लक्षण के तौर पर हमारे शरीर में चिड़चिड़ापन, चरम और तीव्र खुशी की भावना, अधिक आत्मविश्वास बनना, बिना सोचे-समझे किसी काम को करने की भावना, पर्याप्त नींद ना लेने के बावजूद भी तरोताजा बने रहना, जरूरत से ज्यादा बोलना और एकाग्रता की कमी, आसानी से विचलित होना और नशे के प्रति अधिक झुकाव का होना दिखाई देते है।

कोरोना दौर में बढ़ता बाइपोलर डिसऑर्डर का खतरा, बचाव के लिए इसके लक्षणों का रखें ध्यानइसके अलावा इसमें आत्महत्या के विचार लंबे समय तक चलने वाले हो सकते है। इसलिए इसके लक्षणों को अगर समय रहते पहचान लिया जाए, तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है।आप इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ऐसे व्यक्ति को परिवार के लोगों के साथ अपना समय अधिक बिताना आवश्यक है।

कोरोना दौर में बढ़ता बाइपोलर डिसऑर्डर का खतरा, बचाव के लिए इसके लक्षणों का रखें ध्यानऐसे व्यक्ति को पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है साथ ही शरीर के तनाव को नियंत्रित बनाए रखने के लिए प्रतिदिन मेडिटेशन या ध्यान योग का अभ्यास करना आवश्यक है।मेडिटेशन का अभ्यास करने से हमारा शरीर मानसिक रोगों के खतरों से दूर रहता है।

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